नई दिल्ली। कभी लालू यादव के खासमखास रहे उनके साले सुभाष यादव ने अपने जीजा पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए हैं। राबड़ी देवी के भाई सुभाष यादव ने 90 के दशक में बिहार में फैले ‘अपहरण के धंधे’ में पूर्व सीएम लालू यादव का नाम लेते हुए कहा कि उस दौर में हुए कई अपहरण कांड में पैसों की डील का सेटलमेंट लालू यादव कराते थे। पूर्णिया साइड में, अररिया में हुई एक किडनैपिंग का जिक्र करते हुए सुभाष यादव ने तो यहां तक कह दिया कि उस किडनैपिंग केस के लिए बीच-बचाव बिहार के मुख्यमंत्री आवास में हुआ था।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″><p lang=”en” dir=”ltr”>Not at all shocking!<br><br>Lalu's brother-in-law tells the truth👇<br><br>During Lalu's Jungleraj, deals were done with kidnappers from CM's residence<br><br>Cars were taken away from showroom on Lalu's orders<a href=”https://t.co/nlCLgLlKeI”>pic.twitter.com/nlCLgLlKeI</a></p>— PallaviCT (@pallavict) <a href=”https://twitter.com/pallavict/status/1889662733898985787?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 12, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
वरिष्ठ पत्रकार श्रीकांत प्रत्यूष के यूट्यूब चैनल सिटी पोस्ट लाइव को दिए एक इंटरव्यू में सुभाष यादव ने बाते कही हैं। सुभाष यादव ने लालू यादव, शहाबुद्दीन, जाकिर हुसैन, प्रेम चंद गुप्ता को लेकर भी कई बाते बताईं। सुभाष यादव ने अपनी सगी बहन राबड़ी देवी और जीजा लालू यादव पर उनको बदनाम करने और उनकी छवि खराब करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब उनके बेटे और बेटियां सयाने होने लगे तो उनको लगा कि अब उन्हें हमारी कोई जरूरत नहीं है और इसीलिए हमारे खिलाफ दुष्प्रचार फैला दिया।
सुभाष यादव ने बताया कि लालू और राबड़ी परिवार से मनमुटाव और संबंध विच्छेद हुए 21 साल हो गए लेकिन इतने सालों में आपसी मतभेद को खत्म करने की पहल ना तो कभी लालू या राबड़ी की तरफ से की गई और ना ही कभी उन्होंने खुद इसका प्रयास किया। आपको बता दें कि सुभाष यादव लालू यादव की पार्टी आरजेडी से राज्यसभा सांसद और बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। सुभाष यादव और उनके भाई साधु यादव ये दो नाम 90 के दशक में बिहार में लालू यादव के आवास से लेकर आरजेडी सरकार तक में बहुत खास माने जाते थे। इन दोनों को लालू यादव का राइट और लेफ्ट हैंड माना जाता था।