नई दिल्ली। महाराष्ट्र में अपनी विचारधारा से अलग जाकर शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार तो बना ली लेकिन बीच-बीच में इन दोनों पार्टियों से मोहभंग होने की भी खबरें सामने आती रहती हैं। शनिवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से शिवसेना सांसद संजय राउत की मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि शिवसेना इससे साफ इनकार कर रही है। आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों में कुछ पोस्टर्स में एनसीपी और शिवसेना के नेताओं की तस्वीरें तो छपी लेकिन थीं लेकिन इन पोस्टर्स में कांग्रेस नेताओं को जगह नहीं दी गई। इस पर भी शिवसेना और कांग्रेस के बीच तल्खियां देखने को मिलीं। राजस्थान में भी जब सियासी घमासान मचा तो महाराष्ट्र का गठबंधन फिर कमजोर दिखने लगा। अब संजय राउत और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात भी महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा रहा है।
फिलहाल इस मुलाकात को लेकर बीजेपी ने साफ किया है कि ये मुलाकात राजनीतिक स्तर की नहीं थी। इसलिए इसका कोई राजनीतिक अर्थ ना निकाला जाय। महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा इस मीटिंग का कोई भी राजनीतिक दृष्टिकोण नहीं था।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘राउत शिवसेना के मुखपत्र सामना के लिए देवेंद्र फडणवीस का इंटरव्यू करना चाहते थे। बस इसी को लेकर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है।’ उपाध्ये ने कहा, ‘फडणवीस ने राउत को इस बात की जानकारी दी थी कि वह जब बिहार के चुनाव प्रचार से लौट आएंगे तब वह इंटरव्यू देंगे।’
बता दें कि बीते महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा से अलग होकर शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इसके बाद से ही महाराष्ट्र में सियासी उठापटक का दौर जारी है।