नई दिल्ली। मंगलवार को एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पार्टी के निशान के लिए चुनाव आयोग के सामने दूसरी बार चुनाव चिन्ह की पेशकश की गई है। दूसरी मर्तबा शिंदे खेमे ने आयोग को पार्टी के चुनाव चिह्न के लिए विकल्प के तौर पर ‘चमकता सूरज’, ‘ढाल और तलवार’ और ‘पीपल का पेड़’ भेजा है। गौरतलब है कि इससे पहले एकनाथ खेमे ने त्रिशूल, उगता सूरज और गदा तीन चिन्ह विकल्प के तौर पर चुनाव आयोग को भेजे थे। लेकिन धार्मिक संकेत होने के चलते इलेक्शन कमीशन ने गदा और त्रिशूल चिह्न को खारिज कर दिया था। इसके अलावा तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज डीएमके का उगता सूरज चुनावी निशान होने के चलते शिंदे खेमे को नहीं मिला था। जिसके बाद इलेक्शन कमीशन उन्हें दोबारा नए विकल्प देने के लिए कहा गया था।
बता दें कि महाराष्ट्र की सियायत में उद्धव ठाकरे खेमे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच चुनाव चिन्ह को लेकर कई दिनों से सियासी जंग देखने को मिल रही थी। दोनों ही गुट पार्टी के नाम और चिन्ह पर अपना-अपना दावा कर रहे थे। इसी क्रमी में सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट को निर्वाचन आयोग ने मशाल चिन्ह सौंपा है। इसके अलावा ईसी ने सोमवार को उद्धव गुट की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम आवंटित किया था, जबकि शिंदे खेमे को बालासाहेबची शिवसेना नाम दिया है।
EC writes to Shinde faction & Thackeray faction; allots the name ‘Balasahebanchi ShivSena’ to Shinde faction &’ShivSena (Uddhav Balasaheb Thackeray) to Thackeray faction, declines to allot ‘Trishul’, ‘Rising Sun’ & ‘Gada’ as symbols as they are “not in the list of free symbols” pic.twitter.com/1oz0YMSYQk
— ANI (@ANI) October 10, 2022
बता दें कि एकनाथ शिंदे के शिवसेना से बागी होने के बाद से महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने राज्य में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। भाजपा ने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया था, जबकि देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया था। हाल ही में एकनाथ शिंदे सरकार ने अपने 100 दिन पूरे किए थे।