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Maharashtra: महाराष्ट्र में मस्जिद और चर्च को नियंत्रण में ले सकती है सरकार, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के सुझाव पर मंत्री ने विचार का दिया आश्वासन

नागपुर। महाराष्ट्र में महायुति सरकार ने अगर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की राय पर अमल किया, तो इससे राज्य के साथ ही देश की सियासत भी गर्मा सकती है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि वो मस्जिद और चर्च को भी अपने नियंत्रण में ले सकती है। फडणवीस सरकार में मंत्री जयकुमार रावल ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को इस बारे में विचार करने का भी आश्वासन दिया है। विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने राज्य की महायुति सरकार को मस्जिद और चर्च पर नियंत्रण करने का सुझाव उस वक्त दिया, जब देवेंद्र फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में स्वयंभू सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट (प्रभादेवी) संशोधन बिल पेश किया।

बिल पर चर्चा के दौरान राहुल नार्वेकर ने महाराष्ट्र सरकार को सुझाव दिया कि उसे संविधान के मुताबिक अन्य धर्मों के बारे में भी यही सिद्धांत लागू करने के बारे में सोचना चाहिए। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने बिल पर वोटिंग कराया और ये पास हो गया। इस बिल के पास होने के साथ ही प्रभादेवी स्थित सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट का कार्यकाल बढ़ाकर 5 साल किया गया है। पहले ये 3 साल था। इसके साथ ही मंदिर ट्रस्ट में अब एक अध्यक्ष, एक कोषाध्यक्ष और समिति के गठन का प्रावधान हो गया है। इन सबकी संख्या 15 रखी गई है। सिद्धिविनायक मंदिर संशोधन बिल के जरिए गठित होने वाले ट्रस्ट की जिम्मेदारी योजनाओं को लागू करना, ट्रस्ट का असरदार प्रबंधन और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं मुहैया कराना होगा। अभी शिवसेना के सदा सरवणकर इस ट्रस्ट के अध्यक्ष और मुंबई बीजेपी के उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी कोषाध्यक्ष हैं। उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी ने मांग की है कि ट्रस्ट में विपक्षी दलों के सदस्यों को भी रखा जाए।

महाराष्ट्र में महायुति सरकार ने सत्ता में आने के बाद ये पहला बिल पास कराया है। साथ ही अगर सरकार मस्जिदों और चर्चों को अपने नियंत्रण में लेने का फैसला करती है, तो देश में पहली बार ऐसा होगा। महाराष्ट्र की महायुति सरकार में शामिल बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 132 सीट हासिल की थी। जबकि, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीट पर जीत मिली थी। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी में शिवसेना को 20, कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी को 10 सीट ही मिल सकी थीं।

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