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Mahayuti Of BJP, Ajit Pawar And Eknath Shinde Failed In Maharashtra: महाराष्ट्र में अजित पवार और एकनाथ शिंदे का साथ लेने से बीजेपी को फायदे की जगह नुकसान, कई किले ढहे

मुंबई। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही यूपी और महाराष्ट्र की भी चर्चा हो रही है। इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को जोर का झटका लगा है। महाराष्ट्र की बात करें, तो बीजेपी को वहां की जनता ने ये दिखाया है कि शिवसेना और एनसीपी में हुई टूट को उसका बिल्कुल भी समर्थन नहीं है। बीजेपी के कई किले ढहे हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए महाराष्ट्र में भविष्य की राजनीति की अलग राह निकालने का दबाव बन सकता है।

महाराष्ट्र में बीजेपी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 में से 23 सीटें जीती थीं। इस बार महायुति में सीटों के बंटवारे में बीजेपी को 28 लोकसभा सीटें मिली थीं, लेकिन वो सिर्फ 9 सीटें जीत सकी। यहां तक कि मुंबई की 6 में से सिर्फ 1 सीट ही बीजेपी को पीयूष गोयल दिला सके। बाकी जगह उद्धव ठाकरे, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी ने जोरदार झटका दिया। बीजेपी के सहयोगी दलों की बात करें, तो अजित पवार की एनसीपी को सिर्फ 1 सीट पर जीत हासिल हुई। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 7 लोकसभा सीटें ही मिल सकीं। इससे साफ हो गया कि महाराष्ट्र के वोटरों के बीच अजित पवार और एकनाथ शिंदे का असर नहीं है।

अगर विपक्ष के महाविकास अघाड़ी की बात करें, तो शरद पवार की एनसीपी ने 10 में से 8 लोकसभा सीटें जीत लीं। कांग्रेस को 2019 में महाराष्ट्र में सिर्फ 1 सीट मिली थी। इस बार उसके खाते में 13 सीटें आई हैं। कांग्रेस ने विदर्भ की सीट भी बीजेपी से छीन ली। वहीं, उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट ने 21 सीटों पर चुनाव लड़कर 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस तरह देखा जाए, तो भले ही उद्धव ठाकरे को झटका लगा, लेकिन महाविकास अघाड़ी ने जिस तरह का प्रदर्शन किया और 48 में से 30 सीटें हासिल कर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को हाशिए पर पहुंचा दिया, उससे महाराष्ट्र की सियासत में आगे चलकर बड़ा उलटफेर होने के भी आसार बन सकते हैं।

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