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मेक इन इंडिया के साथ मेक फॉर वर्ल्ड का नारा, पीएम मोदी की इस बात ने खींचा सबका ध्यान

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 74वें स्वतंत्रता दिवस(74th Independence Day) पर देश को मेक इन इंडिया (Make in India) के साथ मेक फॉर वर्ल्ड का मंत्र दिया है। लाल किले की प्राचीर से उन्होंने कहा है कि आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, प्रोडक्ट बनकर भारत में लौटता रहेगा?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए देश के ओवरऑल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को एक नई दिशा देने की जरूरत है। ये जरूरत पूरी होगी नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट से। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को चिह्न्ति भी किया जा चुका है। ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान आत्मनिर्भर भारत पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ माह पहले तक एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे। आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है।

उन्होंने कहा कि एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी। तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे। आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमताएं हमारी क्रिएटिविटी, हमारी स्किल्स को भी बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे, कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए एपीएमसी एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि वन नेशन, वन टैक्स, इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, बैंकों का मर्जर, आज देश की सच्चाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा “इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है। बीते वर्ष, भारत में एफडीआई ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत में एफडीआई में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।”

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