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Midday Meal: स्कूली बच्चों के मिड-डे मील मामले में घिरी ममता सरकार, फंड में हेराफेरी के आरोपों की जांच करेगी केंद्रीय टीम

mamata banerjee and midday meal

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के लिए नई मुश्किल खड़ी होती दिख रही है। केंद्र सरकार ने ममता सरकार के दौर में स्कूली बच्चों को दिए जा रहे मिड-डे मील योजना के फंड में हेराफेरी के आरोपों की जांच कराने का फैसला किया है। केंद्र सरकार इसके लिए एक टीम भेजने जा रही है। ममता सरकार पर आरोप है कि मिड-डे मील के फंड में बड़ी हेराफेरी की गई है। ममता सरकार की मिड-डे मील योजना की जांच कराने के लिए टीम भेजने की बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बीती 5 जनवरी को केंद्र को एक अर्जी दी थी। इस अर्जी में शुभेंदु अधिकारी ने मिड-डे मील के फंड में हेराफेरी का आरोप लगाया था। शुभेंदु ने अब जांच टीम भेजने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक सरकार ने संयुक्त समीक्षा मिशन शुरू किया है। इस मिशन में विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ हैं। इसी मिशन के तहत मिड-डे मील मामले की जांच करने के लिए पश्चिम बंगाल में टीम भेजी जाएगी। वहीं, ममता सरकार ने टीम भेजने पर आपत्ति जताई है। ममता सरकार ने हाल ही में स्कूली बच्चों को मिड-डे मील में चिकन और मौसमी फल देने का भी फैसला किया था। इसके लिए 371 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था। बच्चों को चिकन और फल अगले 4 महीने तक हर हफ्ते 1 बार दिए जाने की बात ममता बनर्जी की सरकार ने कही है।

पश्चिम बंगाल में मिड-डे मील में पिछले दिनों मिला था सांप।

हाल के दिनों में मिड-डे मील की वजह से ममता सरकार खबरों में रही है। मिड-डे मील में छिपकली के अलावा सांप भी मिल चुका है। इसी को मुद्दा बनाकर शुभेंदु अधिकारी और बीजेपी लगातार ममता सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। मिड-डे मील को घटिया स्तर का बताकर विपक्ष मुद्दा बना रहा है। कुल मिलाकर मिड-डे मील के मामले में भी ममता सरकार अब केंद्र के निशाने पर है।

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