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Mamata Banerjee: 2024 से पहले ममता बनर्जी ने किया ऐसा ऐलान, विपक्षी एकता को लगा तगड़ा झटका

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक ऐसा ऐलान कर दिया है, जिससे वाकिफ होने के बाद कांग्रेस सहित उन सभी दलों को जोरदार झटका लगेगा, जो अभी विपक्षी एकता को धार देने की जुगत में जुटे हैं। दरअसल, ममता बनर्जी ने नाबन्ना में आयोजित एक कार्यक्रम में स्पष्ट कर दिया कि वो आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व किसी भी दल के साथ जाने के मूड में नहीं हैं। वो किसी भी गठबंधन के साथ नहीं जाएंगी। अपने इस ऐलान से उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव उनकी पार्टी अकेले ही लड़ेगी। इससे पहले उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने यह कहकर चर्चा के बाजार को गुलजार कर दिया था कि विपक्षी दलों को ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उतारना चाहिए। बता दें कि भतीजे अभिषेक बनर्जी के इस बयान के बाद माना जाने लगा था कि ममता  विपक्षी एकता के पाले में शामिल हो सकती हैं, लेकिन अब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी पाले में शामिल होने के मूड में नहीं हैं। वे अकेले ही चुनावी दंगल में उतरेंगी। अब उन्हें इस दंगल में हार मिलेगी या जीत। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

बता दें कि ममता ने यह स्पष्टता ऐसे वक्त में जाहिर की है जब बीते दिनों सिलीगुड़ी उपचुनाव में टीएमसी प्रत्याशी को कांग्रेस प्रत्याशी बिस्वास से हार का मुंह देखना पड़ा था। टीएमसी प्रत्याशी को कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 22 हजार 980 मतों से हार का मुंह देखना पड़ा है। इस तरह से बंगाल विधानसभा में कांग्रेस को अपना पहला विधायक मिल गया है। आपको बता दें कि 2021 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सीपीएम अपना खाता खोलने में भी नाकाम रहे थे। ममता बनर्जी ने आगे जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस और सीपीएम के साथ हमारी कोई हाथ मिलाने की योजना नहीं है।

ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि ये लोग आज तक कोई चुनाव नहीं जीत पाए, बल्कि इसलिए क्योंकि इन लोगों ने हमारे समक्ष अपना विश्वास खो दिया है, जिसे देखते हुए अब हमारी पार्टी की इन लोगों से हाथ मिलाने की कोई योजना नहीं है। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि इस प्रकरण में सर्वाधिक हास्यास्पद स्थिति तब पैदा हुई, जब कांग्रेस ने खुद ही स्वीकार कर लिया कि बीजेपी और सीपीएम उनकी मदद कर रही है। बहरहाल, ममता दीदी ने अपने संबोधन में यह तो स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी भी दल के साथ नहीं जा रही हैं। अब वे सियासी मोर्चे पर क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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