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कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने 2014 में कांग्रेस की हार पर किए सवाल तो लोगों ने कुछ इस तरह उड़ाई हंसी

नई दिल्ली। शुक्रवार के कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन जिसे यूपीए के नाम से जाना जाता है, को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने 2014 में यूपीए की सरकार ना बन पाने को लेकर सवाल किया कि, बीते लोकसभा में हार का कारण सिर्फ कांग्रेस ही क्यों UPA पर सवाल क्यों नहीं खड़े किए जा रहे।

मनीष तिवारी ने 2014 में कांग्रेस की हार के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के रोल को लेकर कई सवाल उठाए हैं। मनीष तिवारी ने शुक्रवार को ट्वीट करके चार सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि क्या 2014 में कांग्रेस की हार के लिए यूपीए जिम्मेदार है, यह उचित सवाल है और इसका जवाब मिलना चाहिए?

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर सभी समान रूप से जिम्मेदार हैं, तो UPA को अलग क्यों रखा जा रहा है? 2019 की हार पर भी मंथन होना चाहिए। सरकार से बाहर हुए 6 साल हो गए, लेकिन यूपीए पर कोई सवाल नहीं उठाए गए। यूपीए पर भी सवाल उठना चाहिए।

मनीष तिवारी के इस ट्वीट पर लोगों ने उनकी खिंचाई भी की। एक यूजर ने लिखा कि, ‘भई २०१४ का analysis अब तक नहीं कर पाए २०२० आ गया , जितना लोगों के क़रीब जओगे उतना जल्दी वापिस आओगे। ये बात ड्रॉइंग रूम से समझ नहीं आती, सड़क पे निकलना पड़ता है, वो होगा नहीं, युवा नेता कितनी बार जनता से मिले इस साल, घर के बाहर, बिना चापलूस के।’

एक अन्य यूजर ने लिखा कि मनीष तिवारी ये कहना चाहते हैं कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल ही ईमानदार हैं बाकि पूरा देश मूर्ख है। वैसे वो आधा सही भी हैं, क्योंकि देश के लोगों ने ही उन्हे 50 सीट दे रखी है।

सूरज ने लिखा कि इस हार के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है क्योंकि उसके पास झूठे गांधी का नेतृत्व है।

मनीष तिवारी के इस ट्वीट पर कुछ इस तरह के रिप्लाई आए

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