नई दिल्ली। टूथपेस्ट, टूथब्रश समेत रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली बहुत सी चीजों के दाम कम हो सकते हैं। केंद्र सरकार आम आदमी को महंगाई से राहत देने के उद्देश्य से 12 फीसदी वाले जीएसटी टैक्स स्लैब को खत्म करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो वो वस्तुए जो इस टैक्स स्लैब में आती हैं उनकी कीमतों में कमी आ सकती है। एनडीटीवी ने सूत्रों के आधार पर बताया है कि सरकार प्रमुख रूप से दो विकल्पों पर विचार कर रही है। पहला तो यह कि 12 फीसदी वाले जीएसटी टैक्स स्लैब में रखी गई वस्तुओं को 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में ले आया जाए। दूसरा यह कि 12 फीसदी के स्लैब को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए।
सरकार अगर यह फैसला लेती है तो इससे 40 से 50 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ने का की उम्मीद है। मगर केंद्र के मुताबिक जीएसटी दरें कम होने से जिन वस्तुओं की कीमत में कमी आएगी उनकी खपत बढ़ेगी, इससे आने वाले समय में राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इस प्रकार से सरकार पर पड़े अतिरिक्त वित्तीय बोझ को कम किया जा सकेगा। हालांकि कुछ राज्य ऐसे हैं जो केंद्र सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल राज्यों का कहना है कि केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव से उनके राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, इसलिए वो इसे फैसले को लागू किए जाने के पक्ष में नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यही कारण है कि इसे लागू करने में देरी हो रही है।
जीएसटी के 12 फीसदी टैक्स स्लैब को खत्म किए जाने के बाद इन चीजों की कीमतों पर पड़ सकता असर
– टूथ पाउडर और टूथ पेस्ट
– प्रेशर कुकर और बर्तन
– 1000 रुपए से ऊपर के कपड़े
– 500 से 1000 रुपए तक के जूते-चप्पल
– बहुत सी वैक्सीन
– स्टेशनरी का सामान
– छाता
– सिलाई मशीन
– प्रेस
– गीजर
– छोटी वॉशिंग मशीन
– साइकिल
– टाइल्स
– कृषि उपयोग के औजार