नई दिल्ली। दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात की सभा के बाद मरकज की बिल्डिंग पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक दक्षिणी दिल्ली में मौजूद तबलीगी जमात के मरकज का निर्माण सभी नियम कायदों को ताक पर रखकर कराया गया है। वहीं जिस जगह पर मरकज की बिल्डिंग बनी हुई है उसका कानूनी तौर पर मालिकाना हक के कागजात भी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पास नहीं हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके द्वारा इस इमारत के अवैध निर्माण की कई बार शिकायत दी कराई गई लेकिन ना तो निगम के द्वारा कोई कार्रवाई की गई और ना ही दिल्ली पुलिस या अन्य विभाग में इस पर किसी भी तरह का कोई भी ध्यान दिया।
इस बारे में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग समिति के डिप्टी चेयरमैन राजपाल सिंह ने कहा कि बिल्डिंग को एहतियातन बंद कर दिया गया है और अब इस इमारत को अवैध पाए जाने के बाद ढहाने के लिए एक पूरी फाइल तैयार की जा रही है।
बता दें जिस इमारत के अंदर तबलीगी जमात के मेंबर्स की सभा हुई थी उस बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरे तरीके से अवैध है। इस इमारत का ना तो कोई प्रॉपर्टी टैक्स जमा किया जा रहा था और ना ही किसी भी तरह का हाउस टैक्स इस बिल्डिंग के मालिकाना हक वाले लोगों द्वारा दिया जा रहा था।
स्थानीय लोगों की माने तो इसके अवैध तरीके से निर्माण कराए जाने की शिकायत गृह मंत्रालय और उपराज्यपाल से लेकर निगम तक भेजी गई लेकिन किसी भी तरह की कोई भी ठोस कार्यवाही इस मामले में नहीं की गई। वहीं दूसरी तरफ मरकज का प्रबंधन करने वाले लोग लगातार इसके अंदर निर्माण कार्य करवाते रहे। निजामुद्दीन के रिहायशी इलाके में मौजूद मरकज़ कि इस इमारत को 2000 गज में बनाया गया है।
अगर सरकारी नियमों की बात करें तो नियमों के अनुसार इसकी ऊंचाई सिर्फ 15 मीटर होनी चाहिए थी। लेकिन यह करीब 25 मीटर तक ऊंची है यानी कि यहां पर जो इमारतों के निर्माण से संबंधित गाइडलाइंस हैं उनको भी फॉलो नहीं किया गया है। वहीं स्थानीय लोगों का तो यह भी कहना है कि यहां पर बच्चों की शिक्षा के लिए मदरसा बना हुआ था जिसको तुड़वा कर यह मरकज की इमारत बनाई गई है। यहां रहने वाले लोग बताते हैं कि 1992 में मदरसे के नाम पर मरकज की ढाई मंजिला इमारत बनवाई गई थी।