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Akash Anand Expelled From BSP : आकाश आनंद को मायावती ने बीएसपी से किया निष्कासित, भारी पड़ी ससुर से करीबी

Akash Anand Expelled From BSP : बीएसपी सुप्रीमो ने एक दिन पहले ही आकाश को नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाते हुए पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। जिसके बाद आज आकाश ने प्रतिक्रिया दी थी। मायावती को उनकी बात पसंद नहीं आई और उन्होंने पार्टी से ही बाहर करने का फरमान सुना दिया। मायावती ने हाल ही में आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अब पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इससे पहले मायावती ने रविवार को आकाश को बीएसपी के नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाते हुए पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से निकालने का सोशल मीडिया के जरिए ऐलान किया है। मायावती ने कुछ ही दिन पहले आकाश आनंद के ससुर और पार्टी के पुराने सदस्य अशोक सिद्धार्थ को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निकाल दिया था। अब आकाश आनंद के अपने ससुर से लगातार करीबी के चलते उन पर भी कार्रवाई की गई है।

मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा, बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक परिपक्वता का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी कर रही हूँ। परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में तथा मान्यवर कांशीराम जी की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए आकाश आनन्द को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।

आपको बता दें कि कल बीएसपी के नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाए जाने के बाद आज आकाश आनंद ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है।  एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।

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