नई दिल्ली। मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को बीएसपी के नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटा दिया है। हालांकि ऐसा उन्होंने किसी नाराजगी के चलते कार्रवाई नहीं की है बल्कि आनंद कुमार ने खुद बीएसपी सुप्रीमो से आग्रह किया था। बीएसपी चीफ मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी है। मायावती के मुताबिक आनंद कुमार ने पार्टी व मूवमेन्ट के हित के मद्देनज़र एक पद पर रहकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्वागत करते हुए उनसे नेशनल कोआर्डिनेटर का पद ले लिया गया है। अब वो पूर्व की भांति राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए पार्टी हित में काम करते रहेंगे।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>1. काफी लम्बे समय से निस्वार्थ सेवा व समर्पण के साथ कार्यरत बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री आनन्द कुमार, जिन्हें अभी हाल ही में नेशनल कोआर्डिनेटर भी बनाया गया था, उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित के मद्देनज़र एक पद पर रहकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्वागत।</p>— Mayawati (@Mayawati) <a href=”https://twitter.com/Mayawati/status/1897167149606805941?ref_src=twsrc%5Etfw”>March 5, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
आनंद कुमार की जगह यूपी के सहारनपुर जिले के निवासी रणधीर बेनीवाल को बहुजन समाज पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर पद की नई ज़िम्मेदारी दी गयी है। इस तरह से पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, और रणधीर बेनीवाल बीएसपी नेशनल कोआर्डिनेटर के रूप में सीधे तौर पर पार्टी सुप्रीमो के दिशा-निर्देशन में देश के विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारियों को संभालेंगे। मायावती ने कहा कि पार्टी को उम्मीद है, ये लोग पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य करेंगे। आपको बता दें कि हाल ही में रविवार को मायावती ने अपने भतीजे और आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था। इसके एक दिन बाद 3 मार्च को मायावती ने आकाश को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
मायावती ने बताया था कि आकाश को उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ से करीबी के चलते पार्टी से निकाला गया है। मायावती ने कहा था आकाश आनंद को पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी लेकिन इसके विपरीत उन्होंने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक परिपक्वता का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी रवैया है। अशोक सिद्धार्थ भी मायावती के पुराने सहयोगी थे मगर उनको भी पिछले महीने पार्टी विरोधी गतिविधि में संलिप्तता के चलते बीएसपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।