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Patna: पीएम मोदी की पटना रैली में बम धमाके करने वाला मेहर-ए-आलम गिरफ्तार, एनआईए की हिरासत से हो गया था फरार

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पटना। बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में साल 2013 में बम धमाके हुए थे। उस वक्त पीएम नरेंद्र मोदी की सभा गांधी मैदान में थी। बम धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी और 82 लोग घायल हुए थे। अब बिहार एसटीएफ की टीम ने दरभंगा के अशोक पेपर मिल थाना इलाके से उस धमाके के आरोपी मेहर-ए-आलम को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आलम को पहले भी एनआईए ने गिरफ्तार किया था, लेकिन वो फरार हो गया था। मेहर-ए-आलम के खिलाफ मुजफ्फरपुर में 30 अक्टूबर 20113 को केस दर्ज किया गया था। बिहार एसटीएफ के मुताबिक मेहर को सिंधौली गांव से शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया।

पटना के गांधी मैदान में हुए धमाके की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एनआईए ने मेहर-ए-आलम को आरोपी बनाया था। आलम को वो ले गई थी। 29 अक्टूबर 2013 को मेहर के कहने पर मुजफ्फरपुर के मीरपुर में छापा मारा गया था। वहां से जांच एजेंसी की टीम मेहर को लेकर सिद्धार्थ लॉज में ठहरी थी। जहां से चकमा देकर आरोपी फरार हो गया था। एनआईए की टीम उसे तलाशने में नाकाम रही थी। जिसके बाद मुजफ्फरपुर के नगर थाने में मेहर-ए-आलम के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। मेहर-ए-आलम के बारे में जांच एजेंसी को पता चला कि वो पटना जंक्शन पर हुए धमाके के आरोपी मोनू का भी करीबी है।

पटना के गांधी मैदान में 2013 में हुए धमाके के बाद गहन जांच हुई थी।

पुलिस के मुताबिक मोनू मूल रूप से बिहार के ही समस्तीपुर का रहने वाला है। वो दरभंगा में एक पॉलिटेक्निक में पढ़ाई करता था। तब वहां एक लाइब्रेरी में मेहर-ए-आलम से मोनू की मुलाकात शुरू हुई थी। दोनों ही इसके बार काफी करीबी हो गए थे। मेहर की अब गिरफ्तारी के बाद उसे एनआईए को सौंपा जाएगा। मेहर को अब गांधी मैदान में बम धमाके के साथ ही फरार होने के केस का भी कोर्ट में सामना करना होगा।

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