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अफगानिस्तान में बढ़ रहा अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, 700 लोगों को दीर्घकालिक वीजा देने जा रहा भारत

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक समुदायों पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा हो रहे हमलों को देखते हुए भारत ने 700 अफगान अल्पसंख्यकों का अपने यहां स्वागत करने का फैसला किया है। बता दें कि भारत सरकार ने 18 जुलाई को अफगानिस्तान में अफगान सिख निदान सिंह को सुरक्षित बचाए जाने के बाद यह फैसला लिया।

इसको लेकर गृह मंत्रालय ने ‘लंबी अवधि के लिए भारत का वीजा जारी करने और उनको नई दिल्ली की यात्रा की सुविधा’ देने की मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों द्वारा अल्पसंख्यकों पर किए गए कई आतंकी हमलों और उत्पीड़न के बाद भारत 700 से अधिक अफगान हिंदुओं और सिखों को अपने यहां पनाह देने जा रहा है।

भारत में विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि एक हालिया फैसले में, भारत ने अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय के सदस्यों की वापसी की सुविधा देने का फैसला किया था, जो अफगानिस्तान में लगातार खतरों का सामना कर रहे हैं। इनमें से कई अल्पसंख्यकों ने भारत आने को लेकर वीजा के लिए पहले ही आवेदन कर रखा है, उनमें से कई के परिवार भारत में हैं।

भारत सरकार का यह फैसला पिछले दिनों अफगान सिख निदान सिंह के अपहरण और एक महीने कैद में रहने के बाद अफगान सुरक्षा बलों द्वारा बचाए जाने के बाद लिया गया है। उसकी रिहाई पर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसके अपहरण के लिए ‘बाहरी समर्थकों’ को दोषी ठहराया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को उनके ‘बाहरी समर्थकों’ के इशारे पर निशाना बनाया जाना गंभीर चिंता का विषय है।’

अफगानिस्तान के हिंदू और सिख समुदाय के नेता निदान सिंह सचदेवा का 22 जून 2020 को पक्तिया प्रांत के चामकनी जिले से अपहरण कर लिया गया था, उन्हें 18 जुलाई को अफगान सुरक्षा बलों ने छुड़ाया।

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