कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हाल में हुए पंचायत चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई। इसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबरें आईं। मीडिया की खबरों के मुताबिक इनमें से मतदान के पहले दिन से बीते रविवार तक 47 लोग मारे गए। जबकि, चुनाव से पहले 19 लोगों की जान ली गई। हिंसा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के भी तमाम कार्यकर्ताओं की जान गई है। इसी पर अब ममता बनर्जी की टीएमसी में बवाल बढ़ता दिख रहा है। ममता की पार्टी के इस्लामपुर सीट से विधायक अब्दुल करीम चौधरी टीएमसी के कार्यकर्ताओं की मौत पर नाराज दिख रहे हैं। उन्होंने एक बयान में चेतावनी भी दी है।
CM ममता बनर्जी से उनके ही विधायक अब्दुल करीम चौधरी हुए नाराज
◆ पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा, “हमारी पार्टी का एक वर्ग हमारे कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहा है”#MamataBanerjee | Abdul Karim Chowdhury | #AbdulKarimChowdhury pic.twitter.com/Qb9SWtjiUj
— News24 (@news24tvchannel) July 17, 2023
अब्दुल करीम चौधरी ने टीएमसी कार्यकर्ताओं की हिंसा में हत्या पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि टीएमसी का ही एक वर्ग पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहा है। अब्दुल करीम चौधरी ने कहा कि अगर ऐसे ही अत्याचार जारी रहा, तो हम बंगाल विधानसभा में लाए जाने वाले किसी भी बिल पर टीएमसी का समर्थन नहीं करेंगे। ये पहला मौका है, जब बंगाल में चुनावी हिंसा में कार्यकर्ताओं की मौत पर सत्तारूढ़ टीएमसी में ही नाराजगी देखी जा रही है। खबर लिखे जाने तक चौधरी की चेतावनी पर टीएमसी की प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं पहले भी होती रही हैं। साल 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। यहां तक कि हिंसा में मौतों का मामला कलकत्ता हाईकोर्ट तक गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनावी हिंसा के कई मामलों की जांच सीबीआई को भी सौंपी थी। विधानसभा चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाओं के बाद पश्चिम बंगाल से तमाम लोग पलायन कर असम चले गए थे। इस बार पंचायत चुनाव के बाद भी बीजेपी की जीती हुई पंचायत प्रत्याशी के परिजन समेत 150 लोगों ने असम जाकर शरण ली है।