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चीनी सामानों की बिक्री पर भारतीय बाजार में लगेगा पूर्णविराम, फुल एक्शन में मोदी सरकार, अब बनाया नया प्लान

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नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच देश में चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग तेज हो गई है। इस आक्रोश को देखते हुए सरकारी स्तर पर भी चीनी सामानों पर रोक लगाने की कवायद तेज कर दी गई है। बता दें कि मोदी सरकार भारतीय बाजारों से चीनी सामानों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त हो गई है।

मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने और चीनी प्रोडक्ट के इम्पोर्ट पर रोक लगाने के लिए कई रणनीति तैयार कर रही है। मोदी सरकार चीन से आयात किए जाने वाले कई रोजमर्रा के सामानों पर भारी भरकम टैक्स लगाएगी। जो अगले पांच साल के लिए लागू रहेंगे। इसके साथ सरकार ने चीन से आयात होने वाले प्रोडक्ट पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के लिए इन्हें दो कैटेगरी में बांटा है, जिस पर तेजी से काम किया जा रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जितने भी सामान इंपोर्ट करते हैं उन्हें सरकार ने दो कैटेगरी में बांटा जाएगा। साथ ही, सरकार ने इन दोनों के लिए अलग-अलग रणनीति तैयार की है। पहली कैटेगरी में कम कीमत, ज्यादा वाल्यूम वाले आइटम जैसे रोजमर्रा में उपयोग होने वाले सामान, किचन में उपयोग होने वाले प्रोडक्ट, स्टेशनरी आदि। ये वैसे आइटम हैं जो वैल्यू टर्म में काफी कम होते हैं लेकिन वाल्युम टर्म में बहुत ज्यादा हैं। इन्हें ‘लो वैल्यू हाई वाल्यूम’ कहा जाता है। जिसके लिए सरकार ने पांच रणनीति तैयार की है जिस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।

इस रणनीति के तहत सरकार पांच बातों पर जोर देगी, जिनमें सस्ते इंपोर्ट पर एंटी डंपिंग ड्यूटी, सेफगार्ड ड्यूटी, इम्पोर्ट होने वाले सामान की समय-समय पर समीक्षा होगी, काउंटर वेलिंग ड्यूटी लग सकती है, इंपोर्ट पर टेक्नीकल स्टेंडर्ड शर्तें लागू होंगी और डोमेस्टिक प्रोडक्शन पर इंसेंटिव देगी। दूसरी कैटेगरी के सामान जो हाई वैल्यू और लो वाल्यूम के सामान हैं, उस पर सरकार ने तय किया इस पर तुरंत कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। लॉन्ग टर्म पॉलिसी के तहत पहले इसका प्रोडक्शन बढ़ाया जाएगा उसके बाद धीरे-धीरे उसी अनुपात में उस पर रोक लगाएगी।

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