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किसानों की जिद को देखते हुए अब सरकार भी सख्ती के मूड में, आठवें दौर की बातचीत से पहले कृषि मंत्री की दो टूक

नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) का शुक्रवार को 44वां दिन हो गया है। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के साथ किसानों का गतिरोध लगातार जारी है। किसान संगठनों और सरकार के बीच आज दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में बातचीत होनी है। वहीं किसानों की जिद को देखते हुए अब सरकार भी सख्ती के मूड में नजर आ रही है। आठवें दौर की बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Tomar) ने प्रदर्शनकारी किसानों को दो टूक जवाब दिया है। बता दें कि सरकार के साथ किसान नेताओं की आठवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले आंदोलनरत किसानों ने गुरुवार को ट्रैक्टर मार्च निकालकर शक्ति-प्रदर्शन किया। इस शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ किसान संगठनों के नेताओं ने सरकार को यह चेतावनी भी दी है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है। पंजाब के नानकसर गुरुद्वारा, कलेरां के प्रमुख लक्खा सिंह के साथ बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा-हम दस कदम आगे बढ़े। किसान संगठनों को भी थोड़ा आगे बढ़ना चाहिए। किसान अगर कृषि कानूनों को रद्द करने की बात को छोड़कर और कोई भी प्रस्ताव दें, तो सरकार फिर उस पर विचार करेगी।

जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह से पूछा गया कि क्या बाबा लक्खा के साथ किसी प्रस्ताव पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा, सरकार ने कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। तोमर से पूछा गया कि क्या सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव है, जिसमें वह राज्य सरकार को नए कृषि कानूनों को लागू करने की आजादी दे रही है। इस पर उन्होंने कहा, नहीं। हमने बाबा लक्खा से बातचीत की है। जो भी मिलने के लिए कहेगा, मैं उससे मिलूंगा, चाहे वह किसान हो या नेता।

वहीं कृषि मंत्री तोमर से मुलाकात के बाद लक्खा सिंह ने कहा, हम सरकार और किसानों से अपील करते हैं, वे जल्द से जल्द इस मसले का हल निकालें। मंत्री ने हमें यह आश्वस्त किया है कि समाधान में वह हमारे साथ हैं।

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