नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आई है। केंद्र सरकार के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ती हुई महंगाई से एक राहत देने वाली है। इसके तहत केंद्र की मोदी सरकार जुलाई के महीने में एक बार फिर से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) में वृद्धि करने जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार, ये DA 3 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से 1 करोड़ से ज्यादा लोग सीधा लाभार्थी होंगे। मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो लगातार 2 महीने तक एआईसीपीआई इंडेक्स (All India Consumer Price Index) में गिरावट देखने के बाद मार्च में इस इंडेक्स में फिर से तेजी देखी गई। ये इंडेक्स जनवरी में घट कर 125.1 पर आ गया था। इसके बाद फरवरी महीने में ये घट कर केवल 125 प्वाइंट रह गया था।
हालांकि, मार्च के महीने में ये अचानक से 1 प्वाइंट बढ़कर 126 पर पहुंच गया। यही कारण है कि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार एक बार फिर से मंहगाई भत्ते को बढ़ाने का फैसला ले सकती है। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए उनकी सैलरी या पेंशन में डीए कंपोनेंट जोड़ा गया है। बता दें, सातवें वित्त आयोग के अनुसार, डीए में साल में दो बार वृद्धि की जाती है। पहली वृद्धि जनवरी और दूसरी जुलाई में की जाती है। सरकार ये निर्णय महंगाई की दर के आधार पर करती है। मार्च में एआईसीपीआई (AICPI) इंडेक्स के बढ़ने से लोग कयास लगा रहे हैं कि जुलाई में फिर से महंगाई भत्ता 3 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
गौरतलब है, कि सरकार पहले ही इसी साल एक बार महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर चुकी है। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 34 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। अगर जुलाई के महीने में इस भत्ते में बढ़ोत्तरी की जाती है तो ये DA बढ़कर 37 प्रतिशत हो सकता है। हालांकि, सरकार ये फैसला अप्रैल, मई और जून में एआईसीपीआई इंडेक्स को देखने के बाद उसी के अनुसार लेगी। बता दें, बीच में कोरोना महामारी के चलते डीए में संशोधन की प्रक्रिया अवरूद्ध हो गई थी।
करीब डेढ़ साल के अंतराल के बाद केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष जुलाई के महीने में DA को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2021 में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत किया गया था। और इस साल 3 फीसदी बढ़ाया गया था, जो अभी 34 प्रतिशत हो चुका है।