नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में आज से मोहन यादव की सरकार बन गई है। राज्य में मोहन राज का आगाज हो गया है। वहीं सीएम बनते ही मोहन यादव एक्शन मूड में आ गए हैं। मोहन यादव अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राह पर चलते हुए दिखाई दे रही है। उन्होंने अपना पहला आदेश जारी किया। जिसमें राज्य में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को बैन कर दिया है। इस नोटिफिकेशन में सुप्रीम कोर्ट का भी हवाला दिया गया है। बता दें कि मोहन यादव ने बुधवार को ही मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद की शपथ ली है। राज्यपाल मंगूभाई ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण की। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक चुने गए हैं। शिवराज सरकार में वो उच्च शिक्षा मंत्री का जिम्मा संभाल चुके है।
#WATCH | BJP leader Mohan Yadav takes oath as the Chief Minister of Madhya Pradesh.
Prime Minister Narendra Modi and other senior NDA leaders attend the ceremony. pic.twitter.com/aXWZMPyXBH
— ANI (@ANI) December 13, 2023
वहीं सीएम की कुर्सी पर विराजमान होने के साथ ही अब मोहन यादव सुपर एक्टिव हो गए हैं। अपने पहले आदेश में उन्होंने धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों से लाउडस्पीकर को बैन करने का निर्देश दे दिया है। आदेश में लिखा गया है कि, ”एमपी में धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के प्रावधानों तथा सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदंड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों आदि का उपयोग किया जा सकेगा।”
#WATCH | Bhopal: Madhya Pradesh Chief Minister Mohan Yadav reached the CM chamber and took charge as the Chief Minister of the state. pic.twitter.com/uxlM9NFimN
— ANI (@ANI) December 13, 2023
लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरुद्ध तेज आवाज में बिना अनुमति के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। राज्य शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण तथा लाउडस्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जांच के लिए सभी जिलों में उडनदस्तों के गठन का निर्णय लिया गया है। उडनदस्तें नियमित और आकस्मिक रूप से धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है का निरीक्षण कर सकेंगे तथा नियमों के उल्लघंन की स्थिति में अधिकतम 03 दिवस में समुचित जांच कर प्रतिवेदन संबंधित को प्रस्तुति करेंगे।
आगे बताया कि शोर से मनुष्य के काम करने की क्षमता, आराम, नींद और संवाद में व्यवधान पड़ता है कोलाहल पूर्ण वातावरण के कारण उक्त रक्तचाप, बैचेनी , मानसिक तनाव तथा अनिद्रा जैसे प्रभाव शरीर में पाए जाते है।