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Monsoon Session : राज्यसभा में पेश हुआ कृषि विधेयक, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बिल को बताया ऐतिहासिक

नई दिल्ली। रविवार को मानसून सत्र के सातवें दिन मोदी सरकार ने कृषि संबंधित विधेयकों को राज्यसभा में पेश किया। बता दें कि कृषि से जुड़े दो बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुके हैं। फिलहाल इस बिल को लेकर देशभर के किसान विरोध कर रहे हैं। इस बिल को लेकर कांग्रेस ने सरकार को किसान विरोधी तक करार दिया है। गौरतलब है कि इन सबके बीच रविवार को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 प्रस्तुत किया। बिल को लेकर तोमर ने कहा कि, “ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होगा। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा।”

उन्होंने कहा कि,”यह विधेयक इस बात का भी प्रावधान करते हैं कि बुआई के समय ही जो करार होगा उसमें ही कीमत का आश्वासन किसान को मिल जाए। किसान की संरक्षण हो सके और किसान की भूमि के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो इसका प्रावधान भी इन विधेयकों में किया गया है।”

कांग्रेसी सांसदों ने विरोध में कहा

इस बीच राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने विरोध में कहा कि, “ये जो बिल हैं उन्हें कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से रिजेक्ट करती है। ये बिल हिंदुस्तान और विशेष तौर से पंजाब, हरियाणा और वेस्टर्न यूपी के जमींदारों के खिलाफ है। हम किसानों के इन डेथ वारंटों पर साइन करने के लिए किसी भी हाल में तैयार नहीं।”

BJP सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा

वहीं राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर BJP सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि, “देश को जब आजादी मिली थी तब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आय का अनुपात 2:1 था। आपकी पार्टी जो नीतियां लेकर आई दुर्भाग्य से आज आय का अनुपात 7:1 हो गया है। ये ग्रामीण आय क्यों कम हुई है इसका जबाव दो आप।”

उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के लिए किसान सिर्फ एक वोटबैंक हैं। हमारे लिए किसान समाज का विकास करने वाला है। हम सच्चाई के साथ हैं। MSP को हटाने का कोई निर्णय नहीं और हम इस झूठ को 2024 तक आठ बार उजागर करेंगे, क्योंकि वह 2024 तक यहां हैं। भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह उसी प्रकार का झूठ है, जो कांग्रेस ने CAA-NRC के दौरान बोला। वे लोगों को गुमराह करना चाहते हैं।

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