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UP: गोरखनाथ मंदिर के हमलावर मुर्तजा के बारे में और चौंकाने वाले खुलासे, खुफिया एजेंसियां रखे थीं 21 महीने से नजर

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लखनऊ/गोरखपुर। यूपी के गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ से जुड़े गोरखनाथ मंदिर पर हमले की कोशिश करने वाले मुर्तजा अब्बासी के बारे में जांच एजेंसियों की जानकारी अब उसके आतंकी संगठन से करीबी की ओर इशारा कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक मुर्तजा पर पिछले 21 महीने से खुफिया एजेंसियों की भी नजर थी। इसकी वजह ये थी कि मुर्तजा ने खाड़ी देशों में रकम भेजी थी। जिस दिन उसने घटना की, उससे पहले यूपी एटीएस उसके घर भी एक बार पहुंची थी। उस वक्त मुर्तजा नेपाल गया हुआ था। बता दें कि गोरखनाथ मंदिर के बाहर मुर्तजा ने धारदार हथियार से पीएसी के जवानों पर हमला किया था। उसे फिलहाल कोर्ट ने जेल भेजा है।

मुर्तजा के बारे में यूपी एसटीएफ और यूपी एटीएस के सूत्रों का कहना है कि 2020 में गोरखपुर से एक आईएसआई जासूस पकड़ा गया था। उसने भी मुर्तजा का नाम लिया था। इसके अलावा पुलिस को मुर्तजा की बैग की जांच में जो लैपटॉप मिला, उसमें आईएसआईएस से जुड़े तमाम वीडियो भी हैं। इनमें से एक वीडियो को मुर्तजा ने कई बार देखा। इन वीडियो में गुरिल्ला तरीके से हमलों के बारे में बताया गया है। पुलिस के मुताबिक मुर्तजा ने एक एप भी बनवाया था। अब ये जांच भी हो रही है कि क्या इस एप के जरिए मुर्तजा आतंकियों का स्लीपर सेल बनाना चाहता था। इसके अलावा उसके घर पर मंगलवार को जांच एजेंसियों की टीमें दो बार पहुंचीं। मुर्तजा के पिता मुनीर अब्बासी का हालांकि कहना है कि उनका बेटा मानसिक रोगी है और उसका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है।

यूपी एसटीएफ और एटीएस के सूत्रों के मुताबिक मुर्तजा के आधार कार्ड में मुंबई का जो पता लिखा है, वहां जाकर पता चला कि अब्बासी परिवार ने इस फ्लैट को काफी पहले ही बेच दिया है। ऐसे में सवाल ये भी उठ रहे हैं कि अगर फ्लैट बेच दिया गया था और मुर्तजा काफी समय से गोरखपुर में ही रह रहा था, तो आधार कार्ड में पता क्यों नहीं बदलवाया गया।

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