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Muslim Appeasement: उद्धव की आखिरी कैबिनेट बैठक में मुस्लिम तुष्टिकरण पर उतरे कांग्रेस के मंत्री, सपा ने भी इस फैसले पर साधा निशाना

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मुंबई। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने सीएम का पद छोड़ने से पहले बुधवार शाम को कैबिनेट की बैठक की थी। सिर्फ 4 मंत्रियों के साथ हुई उद्धव की आखिरी कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों का नाम बदलने का फैसला भी हुआ। कैबिनेट ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर और उस्मानाबाद का धाराशिव करने का फैसला किया। इन दोनों शहरों का नाम शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे भी बदलना चाहते थे, लेकिन उनके जीते-जी ये हो नहीं सका था। औरंगाबाद में ही मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र भी है। खैर, खबर ये कि दोनों शहरों का नाम बदलने का प्रस्ताव जब उद्धव ने कैबिनेट में रखा तो सरकार में शामिल कांग्रेस के दोनों मंत्रियों ने तुष्टिकरण दिखाते हुए इसका विरोध कर दिया।

कांग्रेस के मंत्रियों वर्षा गायकवाड़ और असलम शेख ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का सिर्फ विरोध ही नहीं किया, वे कैबिनेट की बैठक से उठकर चले भी गए। जब कांग्रेस के इस मुस्लिम तुष्टिकरण की कहानी सामने आई, तो असलम की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन वर्षा गायकवाड़ कहने लगीं कि वो कोई जरूरी फाइल लेने के लिए बैठक से निकलकर गई थीं। हालांकि, उन्हें दोबारा कैबिनेट मीटिंग में लौटकर आते नहीं देखा गया। खुद उद्धव ठाकरे ने मीडिया को बताया कि शहरों का नाम बदलने का प्रस्ताव पास होने के दौरान सहयोगी कांग्रेस के मंत्री बैठक में नहीं थे।

उद्धव की सरकार को बाहर से समाजवादी पार्टी (सपा) का भी समर्थन था, लेकिन दोनों शहरों का नाम बदलने पर सपा का भी मुस्लिम प्रेम जाग उठा। पार्टी के विधायक और बड़बोले नेता अबु आसिम आजमी मीडिया के सामने आए और उन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई। आजमी ने मीडिया से कहा कि उद्धव सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला किया है। बीजेपी हो या बैसाखी पर चलने वाली अघाड़ी सरकार, मुसलमानों को दरकिनार करना चाहते हैं। मुझे दुख है कि हम जिनका समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था कि 30 साल गलत लोगों के साथ रहने के बाद अब वे धर्मनिरपेक्ष होंगे, आखिरी दिन ऐसा कर रहे हैं।

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