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सुशांत सिंह केस में पहली बार शरद पवार का आया रिएक्शन, जानिए क्या कहा…

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने पहली बार टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि मुझे मुंबई पुलिस पर पूरा विश्वास है। अगर कोई सीबीआई जांच की मांग कर रहा है तो मैं इसका विरोध नहीं करूंगा। इसके अलावा उन्होंने अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की ओर से की गई सीबीआई जांच की मांग को भी खारिज किया। शरद पवार ने कहा कि पार्थ बच्चा है, अनुभवहीन है। आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत इसी साल 14 जून को अपने बांद्रा स्थित आवास में मृत पाए गए थे।

मुंबई पुलिस सक्षम, CBI जांच का विरोध नहीं : शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, ”मैंने पिछले 50 वर्षों से महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस को देखा है और मुझे उन पर भरोसा है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता कि दूसरों ने उन पर क्या आरोप लगाए हैं। अगर किसी को लगता है कि सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी को मामले की जांच करनी चाहिए तो मैं इसका विरोध नहीं करूंगा।”

शरद पवार ने आगे कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली, लेकिन इसकी इतनी चर्चा क्यों हो रही है? मुझे नहीं लगता कि यह इतना बड़ा मुद्दा है। एक किसान ने मुझे बताया कि 20 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है, किसी ने इस बारे में बात नहीं की।”

माजिद मेमन के बिगड़े बोल, कहा मौत के बाद मोदी-ट्रंप से भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए सुशांत

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता माजिद मेमन ने विवादित बयान दिया है। दरअसल एनसीपी नेता माजिद मेमन ने बुधवार को कहा कि सुशांत सिंह राजपूत को उनकी मौत के बाद उनकी जिंदगी से कहीं ज्यादा पॉपुलैरिटी मिल रही है। मेमन ने मीडिया में अभिनेता सुशांत सिंह की मौत पर उठाए जा रहे मुद्दों को लेकर सवाल खड़ा किया है।

एनसीपी नेता माजिद मेमन ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सुशांत अपनी जिंदगी में उतने मशहूर नहीं थे, जितनी मौत के बाद हो गए हैं। मीडिया में उन्हें जितनी जगह मिल रही है, उतनी तो हमारे प्रधानमंत्री या फिर अमेरिका के राष्ट्रपति को भी नहीं मिलती होगी।’


पूर्व राज्यसभा सदस्य माजिद मेमन ने, ‘जब कोई अपराध जांच चरण में होता है, तो गोपनीयता को बनाए रखना पड़ता है। महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया में उठाए जा रहे हर कदम को सार्वजनिक करना सच्चाई और न्याय के हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।’

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