News Room Post

Jitendra Awhad: ‘रामनवमी और हनुमान जयंती दंगों के लिए’, एनसीपी नेता जीतेंद्र आव्हाड के विवादित बयान से भड़के लोग

इससे पहले जीतेंद्र आव्हाड का नाम कई विवादों में आ चुका है। 2022 में हर-हर महादेव फिल्म की स्क्रीनिंग के वक्त भी आव्हाड पर एक दर्शक से मारपीट करने का आरोप लगा था। पिछले साल ही एक महिला ने आरोप लगाया था कि फ्लाईओवर का उद्घाटन करने के दौरान आव्हाड ने गलत तरीके से उसके कंधे को दबाया।

jitendra awhad

मुंबई। महाराष्ट्र में एनसीपी के नेता जीतेंद्र आव्हाड ने शुक्रवार को फिर विवाद खड़ा कर दिया। आव्हाड ने बयान दिया कि ऐसा लगता है कि रामनवमी और हनुमान जयंती के पर्व सिर्फ दंगों के लिए हैं। उन्होंने कहा कि कई शहरों का माहौल दंगों की वजह से खराब हुआ है। जीतेंद्र आव्हाड ने कहा कि वो मानते हैं कि आने वाले साल धर्म के नाम पर दंगों के रहेंगे। इससे पहले जीतेंद्र आव्हाड का नाम कई विवादों में आ चुका है। 2022 में हर-हर महादेव फिल्म की स्क्रीनिंग के वक्त भी आव्हाड पर एक दर्शक से मारपीट करने का आरोप लगा था।

जीतेंद्र आव्हाड पर ये आरोप भी लगा था कि उन्होंने फिल्म का शो रुकवाने की कोशिश की। आव्हाड ने इस आरोप को खुद को फंसाने की साजिश बताया था। पिछले साल ही एक महिला ने आरोप लगाया था कि फ्लाईओवर का उद्घाटन करने के दौरान जीतेंद्र आव्हाड ने गलत तरीके से उसके कंधे को दबाया। इस कार्यक्रम में तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग भी जीतेंद्र आव्हाड को एक मामले में नोटिस जारी कर चुका है। आव्हाड ने इस आरोप को भी झूठा बताया था और उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या तक कह दिया था।

अब हिंदू पर्वों को दंगों वाला कहकर जीतेंद्र आव्हाड फिर विवादों में घिर गए हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने जमकर आव्हाड पर अपनी भड़ास निकाली है। सुजीत भारत नाम के यूजर ने उस खबर का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें बताया गया कि आतंकी इशरत जहां के परिवार की आव्हाड ने मदद की। रामनिवास कुमार ने लिखा कि तुम्हारे आका (शरद पवार) ने बॉम्बे में अलग से बॉम्ब होने की बात कही, ताकि सांप्रदायिक भावना न भड़के। लोटस नाम की यूजर ने शरद पवार को टैग कर पूछा है कि क्या जीतेंद्र आव्हाड की राय उनकी भी राय है। वहीं, अन्य यूजर्स ने भी अपनी राय रखी है। यूजर्स ने क्या कहा है, ये आप ऊपर दिए गए ट्वीट के रिप्लाई सेक्शन में जाकर पढ़ सकते हैं।

Exit mobile version