नई दिल्ली। पंजाब में 13 अप्रैल 2024 को विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी के नेता विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या का मुख्य आरोपी प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल बीकेआई का प्रमुख वधावा सिंह है। वधावा सिंह पाकिस्तान में रहता है। वीएचपी नेता विकास प्रभाकर की हत्या की जांच कर रही एनआईए ने बीकेआई प्रमुख वधावा सिंह समेत 6 आरोपियों के नाम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। वीएचपी नेता विकास प्रभाकर की पंजाब के रूपनगर जिले के नंगल में हत्या की गई थी।
एनआईए से मिली जानकारी के मुताबिक वधावा सिंह के अलावा चार्जशीट में 3 गिरफ्तार और 2 फरार आतंकियों के नाम हैं। विकास प्रभाकर की हत्या के मामले में एनआईए ने बीकेआई के शूटर और नवांशहर के रहने वाले सुरिंदर कुमार उर्फ रीका, मनदीप कुमार उर्फ मांगली और गुरप्रीत राम उर्फ गोरा को गिरफ्तार किया था। इन तीनों के अलावा सभी आरोपियों पर एनआईए ने यूएपीए, आईपीसी और शस्त्र कानून की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है। एनआईए के अनुसार वधावा सिंह, नवांशहर का हरजीत सिंह उर्फ लाड्डी और हरियाणा के यमुनानगर का कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू फरार हैं। इन तीनों ने वीएचपी नेता विकास प्रभाकर की हत्या करने वालों को हथियार और धन दिया था।
अप्रैल में वीएचपी नेता विकास की हत्या के बाद मई में एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ ली थी। एनआईए की जांच में ही पता चला कि बीकेआई का इस हत्याकांड में हाथ है। एनआईए ने पुख्ता सबूत जुटाए कि किस तरह वधावा सिंह के बीकेआई ने वीएचपी नेता की हत्या के लिए तमाम देशों में अपने मॉड्यूल को सक्रिय किया। एनआईए के मुताबिक वधावा सिंह ने जर्मनी में रहने वाले खालिस्तानी आतंकियों कुलबीर सिंह और हरजीत सिंह को विकास प्रभाकर की हत्या के लिए कहा। इस मामले में दुबई का कनेक्शन भी सामने आया है। भारत से भी आरोपियों को हथियार मिलने का दावा एनआईए ने चार्जशीट में किया है।