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निर्भया मामला : केंद्र की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया

नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों की फांसी की सजा पर अनिश्चितकालीन रोक को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रविवार को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।delhi highcourt

चार दोषियों विनय, पवन, अक्षय और मुकेश- को पहले 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाने वाली थी और बाद में यह समय बदलकर एक फरवरी को सुबह छह बजे कर दिया गया।

लेकिन 31 दिसंबर को मुकेश द्वारा सत्र न्यायालय में याचिका दायर की गई कि अन्य दोषियों ने अभी तक अपने कानूनी उपायों का उपयोग नहीं किया है और उन्हें अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती।

ट्रायल कोर्ट द्वारा फांसी पर लगाई गई रोक को केंद्र ने शनिवार को चुनौती दे दी।

जानिए किस तरह फांसी टलवा रहे निर्भया के गुनहगार?

निर्भया के गुनहगार अपनी फांसी टलवाने की खातिर कानून से खिलवाड़ कर रहे हैं। वे अपने पास मौजूद विकल्पों का इस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं कि फांसी में लगातार देरी होती जाए।

निर्भया के दोषियों के पास मौजूद कानूनी उपचारों की स्थिति बेहद स्पष्ट है। दोषी मुकेश सिंह के दोनों ही विकल्प क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका खत्म हो चुके हैं। उधर विनय शर्मा के भी के दोनों विकल्प क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका खत्म हो चुके हैं।

इन दोनों को फांसी पर लटकाने की मांग की जा रही है मगर उनके वकील दलील दे रहे हैं कि इन्हें अलग से फांसी नही दी जा सकती क्योंकि बाकी दोनो दोषियों के पास कानूनी उपचार अभी बाकी हैं।

निर्भया के गुनहगार अक्षय ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है पर उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है। उधर गुनहगार पवन गुप्ता ने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है। ऐसे में निर्भया के गुनहगार जानबूझकर फांसी की प्रक्रिया को लटकाने में जुटे हुए हैं। उनके वकील उन्हें वो सब समझा रहे हैं जिससे फांसी को लगातार टाला जा सके।

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