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बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने पढ़ी कश्मीरी कविता, तालियों से गूंज उठा सदन

nirmala sitharaman

नई दिल्ली। वित्त मंत्री शनिवार को जब बजट पेश करने के लिए सदन में पहुंची तो वो काफी उत्साह में दिखाई दीं। इस सत्र के बजट में उन्होंने किसानों के लिए कई घोषणाएं, शिक्षा के क्षेत्र के लिए भी हजारों करोड़ रुपये की घोषणा की। इसके अलावा चिकित्सा के क्षेत्र को और बेहतर बनाने के लिए उन्होंने घोषणाएं की लेकिन इन सबके पहले उन्होंने एक कश्मीरी कविता पढ़ी जिससे सदन तालियों से गूंज उठा।

बता दें कि उन्होंने जो कविता पढ़ी वो दीनानाथ नादिम की कश्मीरी कविता है।

हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग़ जैसा
हमारा वतन डल लेक में खिलते हुए कमल जैसा
हमारा वतन नौजवानों के गरम खून जैसा
मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन
दुनिया का सबसे प्यारा वतन

अपने भाषण में बोलीं वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि, केंद्र सरकार का ऋण घटकर अब 48.7 फीसदी पर आ गया है। इस बजट में तीन बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है, इनमें उम्मीदों का भारत, इकोनॉमिक डेवलेपमेंट और केयरिंग समाज को शामिल किया जा रहा है।

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