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निजामुद्दीन मरकज की घटना ने लोगों की चिंता बढ़ाई है : स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने देश में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों पर बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को तब सबसे बड़ा झटका लगा जब निजामुद्दीन मरकज से जुड़े मामले सामने आए।

उन्होंने कहा कि इस घटना से सभी समुदायों को यह सबक मिला कि अगर देश कोई फैसला लेता है तो उसका सामूहिक रूप से पूरे अनुशासन के साथ पालन किया जाना चाहिए।

हालांकि, भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हाराव से रविवार को ऑनलाइन इंटरव्यू में हर्षवर्धन ने कहा कि अब इन बातों के जिक्र का कोई मतलब नहीं, क्योंकि तब्लीगी जमात से जुड़े सभी लोगों की पहचान करके उनकी जांच की जा चुकी है। इनमें से जो भी लोग कोरोना से संक्रमित थे, उन सभी का इलाज किया जा चुका है।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि जमातियों का पता लगाने में आइटी विभाग, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहम भूमिका निभाई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कानून के तहत दिल्ली में जिस समय 10-15 लोगों को भी साथ नहीं होना चाहिए था, उस समय में एक हजार से अधिक लोग एक साथ रह रहे थे। वह भी दूसरे कई देशों से आए हुए लोग वहां कई दिनों तक जमे रहे। भाजपा नेता ने कहा कि जब प्रशासन को इस बारे में पता चला तो उन्होंने उन सबको वहां से हटाया, जबकि कई लोग पहले ही वह जगह छोड़कर जा चुके थे।

उन्होंने आगे कहा कि जब तक प्रवासी मजदूरों का आना-जाना लगा है, तब तक देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही रहेंगे। अगले एक -दो हफ्ते में जब सभी प्रवासी मजदूर अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे तब तक संक्रमण के मामले अत्यधिक बढ़ जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इन हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और देश का स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत ढांचा इन हालात से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने सोशल मीडिया पर दिए इंटरव्यू में कहा कि लॉकडाउन रणनीतिक तरीके से धीरे-धीरे खत्म होगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल देश में इस समय 70 हजार से अधिक सक्रिय मामले हैं। लेकिन मेरी जानकारी के मुताबिक हम अब एक ही समय में दस लाख कोविड मरीजों की देखरेख कर सकते हैं।

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