नई दिल्ली। संसद में जब नेताओं को अपनी बात रखने का मौका मिलता है तो कई बार वो अपनी मर्यादा को भूल जाते हैं और भरी सभा में जो मन आए कहने लगते हैं। आरोप-प्रत्यारोप की बहस में काफी कुछ ऐसा भी निकल जाता है जो विवाद खड़ा कर देता है। ऐसी ही परिस्थितियों से बचने के लिए असंसदीय शब्द 2021 के तहत ऐसे शब्दों की सूची तैयार की है जिन्हें अब संसद में वर्जित माना जाएगा। मतलब अब इन शब्दों और वाक्यों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन होगा। इन शब्दों की सूची बनाई गई है उन्हें असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है। बता दें कि जल्द ही मानसून सत्र शुरू होने वाला है और सत्र शुरू होने से पहले ही शब्दों और वाक्यों की जानकारी दे दी गई है।
लोकसभा के नियमों में बदलाव
लोकसभा ने अपने कुछ नियमों में बदलाव किया है। जिसके तहत अब प्रक्रिया एवं आचार के नियम 380 के मुताबिक अगर अध्यक्ष को लगता है कि संसद में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है या असंवेदनशील वाक्य बोले जा रहे हैं..तो अध्यक्ष उन्हें कार्यवाही से हटा सकते हैं। उसके अलावा सांसद जयचंद और भ्रष्ट, जुमलाजीवी, कोरोना स्प्रेडर,ड्रामा, लॉलीपॉप,बाल बुद्धि,शर्म,विश्वासघात,शकुनि, गुल खिलाए,चांडाल चौकड़ी जैसे शब्दों पर पूरी तरीके से बैन लगा दिया गया। अगर चेतावनी के बाद भी सांसद ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें सदन के बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। ऐसे शब्दों और वाक्यों को संसदीय रिकॉर्ड में भी नहीं रखा जाएगा।
इन शब्दों का नहीं होगा इस्तेमाल
वाक्यों की बात करें तो चेयर को कमजोर कर दिया है, आप मेरा समय खराब कर रहे हैं, हम लोगों का गला घोंट दीजिए, जब आप इस तरह से चिल्ला कर वेल में जाते थे, उस वक्त को याद करूं, जैसे वाक्यों को भी निषेध माना जाएगा और रिकॉर्ड में भी नहीं रखा जाएगा। बता दें कि 18 जुलाई से मानसून सत्र शुरू होने वाला है और उससे पहले ही संसद ने अघोषित शब्दों और वाक्यों की लिस्ट जारी कर दी हैं। इन शब्दों को असंसदीय शब्दों की श्रेणी में रखा गया है उसमें घड़ियाली आंसू, चिलम लेना, दोहरा चरित्र, गद्दार, गिरगिट,विनाश पुरुष,कोयला चोर,तानाशाही, ढिंढोरा पीटना,काला सत्र,निकम्मा,नौटंकी जैसे शब्द भी शामिल हैं।