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Manish Sisodia: क्या कानूनी पचड़ों से बचने के लिए BJP का दामन थामेंगे सिसोदिया? नड्डा ने अटकलों पर ऐसे लगाया ब्रैक

नई दिल्ली। नई आबकारी नीति मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की राजनीति मे भूचाल मचा हुआ है। जहां एक तरफ बीजेपी का दावा है कि केंद्र सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रही है। वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि मौजूदा सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए कर रही है। एक कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने यहां तक कह दिया था कि अगर आज सिसोदिया बीजेपी में शामिल हो जाए, तो उनके खिलाफ चल रहे सभी मकदमे खारिज कर दिए जाएंगे।

बता दें कि उनसे एक इंटरव्यू के दौरान सवाल किया गया था कि अगर सिसोदिया बीजेपी में शामिल हो जाएं, तो क्या उनके खिलाफ चल रहे सभी मुकदमे समाप्त कर दिए जाएंगे और उन्हें कानूनी पचड़ों से राहत मिल जाएगी?, जिस पर नड्डा ने दो टूक कहा कि, ‘बिल्कुल भी नहीं और पहली बात यह है कि हम किसी भी ऐसे व्यक्ति को पार्टी में शामिल ही नहीं करेंगे, जिसने शिक्षा के नाम पर इतना बड़ा शराब घोटाला किया हो। नड्डा ने आगे कहा कि उनके गुरु अन्ना हजारे आजीवन शराब के विरोध में लड़ते रहे, लेकिन आज उनके ही शिष्यों ने पूरी दिल्ली को शराबमय कर दिया है। जिसे लेकर आप की आलोचना की जा रही है।

शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया वर्तमान में सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। बीते 26 फरवरी को उन्हें आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद उन्हें पांच दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया था। इस बीच उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने आप नेता की याचिका खारिज करते हुए उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट जाने की हिदायत दी थी और यह भी कहा था कि अगर आप दिल्ली में रहते हैं, तो इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आप सीधे ही सुप्रीम कोर्ट आ जाए। वहीं, बाद में सिसोदिया को तीन दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उधर, आज राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को आगामी 20 मार्च के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब सिसोदिया की होली जेल में ही बनेगी।

वहीं, अगर जेपी नड्डा के इंटरव्यू की बात करें, तो उन्होंने पंजाब की कानून-व्यवस्था को लेकर भी अपनी राय साझा की। बता दें कि बीते दिनों अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में खालिस्तानी समर्थकों ने जबरन लवली सिंह तूफान को जेल से रिहा करवा लिया था, जिसे लेकर मान सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए थे। वहीं, इस संदर्भ में नड्डा ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि यह बात तो यथार्थ है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बिगड़ चुकी है। लोगों का जीवन बद से बदतर हो चुका है। हालांकि, कानून-व्यवस्था तो सरकार के अधीन का मसला है, लेकिन अगर इसके बावजूद सरकर किसी भी प्रकार की मदद की मांग करती है, तो केंद्र सरकार तैयार है। वहीं, नड्डा से जब पूछा गया कि क्या पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने के बारे में आप सोच रहे हैं?, तो इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। हम संघवाद पर भरोसा रखते हैं। हमें पूरा विश्वास है कि एक दिन स्थिति दुरूस्त हो जाएगी।

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