नई दिल्ली। देश में पिछले काफी समय से वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा चल रही है। वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, आज इस कमेटी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 18,626 पन्नों की अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। भारत में फिलहाल लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव हों।
सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कोविंद कमेटी ने 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। इसमें लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए एक मतदाता सूची रखने की बात भी सामने आई है। साथ ही एक चुनाव के लिए संविधान में संशोधन की सिफारिश की भी संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही यह लागू होगा। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे।
गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अगुआई में आठ सदस्यों की कमेटी का पिछले साल दो सितंबर को गठन किया गया था। 23 सितंबर 2023 को कमेटी की पहली बैठक दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में हुई थी। कमेटी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, लोकसभा के पूर्व महासचिव डा. सुभाष कश्यप, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी को शामिल किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं।