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Maha Kumbh 2025: मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान की उम्मीद, जानिए अब तक कितने लोग यहां लगा चुके हैं संगम में डुबकी

Maha Kumbh 2025: यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ पर्व की शुरुआत हो चुकी है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पहला स्नान भी पूरा हो गया है। अब 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान है। प्रयागराज प्रशासन और यूपी सरकार का मानना है कि मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ में 10 करोड़ श्रद्धालु स्नान करने पहुंच सकते हैं। इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।

प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ पर्व की शुरुआत हो चुकी है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पहला स्नान भी पूरा हो गया है। अब 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान है। प्रयागराज प्रशासन और यूपी सरकार का मानना है कि मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ में 10 करोड़ श्रद्धालु स्नान करने पहुंच सकते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज मेला प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिए हैं कि मौनी अमावस्या के स्नान पर्व के लिए वे अभी से तैयारी में जुट जाएं। किसी भी तरह से श्रद्धालुओं को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

मौनी अमावस्या के मौके पर भी तमाम अखाड़ों के संत और नागा साधु प्रयागराज महाकुंभ में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम पर डुबकी लगाएंगे। अखाड़ों के स्नान के लिए मकर संक्रांति पर प्रशासन ने 40-40 मिनट का समय तय किया था। सभी अखाड़ों को समयसीमा में ही स्नान कराया गया। मकर संक्रांति पर 3.50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में डुबकी लगाई थी। मौनी अमावस्या पर ये आंकड़ा और बढ़ने के आसार हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक महाकुंभ की शुरुआत से करीब 7 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में स्नान कर चुके हैं। हर रोज लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं।

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के बाद राजसी यानी शाही स्नान के 3 और दिन होंगे। वसंत पंचमी पर 3 फरवरी को शाही स्नान होगा। इसके बाद 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और फिर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ में अंतिम शाही स्नान होगा। 26 फरवरी को ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा। इस बार 144 वर्ष बाद प्रयागराज में महाकुंभ हो रहा है। वहीं, 6 साल पर अर्धकुंभ और 12 साल में पूर्णकुंभ होते हैं। महाकुंभ सिर्फ प्रयागराज में ही होता है। अन्य कुंभ हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में भी होते हैं।

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