News Room Post

Haldwani: हल्द्वानी अतिक्रमण मामले पर ओवैसी का ट्वीट, जानिए AIMIM प्रमुख ने क्या कहा…

नई दिल्ली। उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा की 29 एकड़ जमीन पर बसे 4 हजार से भी अधिक परिवारों का घर उजड़ने से सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से बचा लिया। हालांकि, विधिक जंग यही खत्म नहीं होती है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई आगामी 9 फरवरी निर्धारित की है। अब ऐसे में अगली सुनवाई में क्या फैसला लिया जाता है। देखने वाली बात होगी, लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से हल्द्वानी के 4 हजार से भी अधिक लोगों के घरों को उजड़ने से बचा लिया है। जिनमे अधिकांश मुस्लिम हैं। आइए, आपको एक बार पूरा माजरा विस्तार से समझा देते हैं।

दरअसल, हल्द्वानी की 29 एकड़ जमीन पर रेलवे ने अपना दावा ठोका है। रेलवे का कहना है कि यह जमीन उसकी है। जिस पर यह लोग अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठे हैं, जबकि इस जमीन पर रहने वाले लोगों का कहना है कि हम यहां कई पीढ़ी से रह रहे हैं। कुछ लोगों ने आजादी से पहले से यहां रहने का भी दावा किया है। जमीन पर स्कूल, कॉलेज और अस्पताल सहित अन्य सामाजिक सुविधाएं हैं, लेकिन रेलवे ने इस जमीन को अपनी बताकर यहां रह रहे लोगों को अतिक्रमणकारी करार दे दिया है। जिस पर बीते दिनों उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने रेलवे के पक्ष में फैसला सुनाकर महज सात दिनों के अंदर के लोगों को जमीन खाली करने का आदेश दे दिया था। सरकार की तरफ से बाकायदा मुनादी पिटवाकर लोगों को जमीन खाली करने का फरमान सुना दिया गया था। उधर, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। जिस पर आज यानी की गुरुवार को सुनवाई हुई।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक जमीन खाली कराने पर रोक लगाकर हजारों परिवार के घरों को उजड़ने से बचा लिया। इसके साथ ही रेलवे और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि यह पुष्टि करके दिखाया जाए कि यह रेलवे की जमीन है। अब देखने वाली बात होगी कि दोनों पक्षों की ओर से जवाब में क्या दाखिल कया जाता है। इसके अलावा सीएम धामी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनरूप कदम उठाया जाएगा। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया कि भला किस बिनाह पर सात दिनों के अंदर जमीन खाली कराने का आदेश दिया गया है।

इसके साथ ही इस पूरे मसले को लेकर राजनीति भी तेज हो चुकी है। कांग्रेस बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। कल सपा सांसद एसटी हसन प्रतिनिधिमंडल के साथ हल्द्वानी पहुंचकर केंद्र पर जमकर बरसे। उधर, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओवैसी ने ट्वीट कर कोर्ट का आभार जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने #हल्द्वानी पर मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए सही कहा है कि 7 दिनों में 50,000 लोगों को विस्थापित नहीं किया जा सकता है। इसने पुनर्वास की आवश्यकता पर जोर दिया है और माना है कि 1947 में कई लोगों ने जमीन खरीदी थी। इससे पहले भी ओवैसी इस मसले पर अपनी राय साझा कर चुके हैं। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version