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India Aid To Palestine: 2.5 मिलियन डॉलर की सहायता राशि मिलने पर गदगद हुआ फिलिस्तीन, भारत का किया शुक्रिया अदा!

नई दिल्ली। फिलिस्तीन ने मंगलवार को भारत के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। भारत सरकार ने फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए यूएन रिलीफ और वर्क एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 2.5 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की दूसरी किश्त जारी की है। इस सहायता के साथ ही भारत ने वर्ष 2024-25 के लिए अपने वार्षिक प्रतिबद्ध योगदान 5 मिलियन डॉलर को पूरा कर लिया है।

फिलिस्तीनी दूतावास ने व्यक्त की कृतज्ञता

फिलिस्तीनी दूतावास ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “हम यूएनआरडब्ल्यूए को 2.5 मिलियन डॉलर की दूसरी किश्त जारी करने के लिए भारत सरकार के प्रति अपनी कृतज्ञता और प्रशंसा व्यक्त करते हैं। यह सहायता भारत के मानवीय दृष्टिकोण और फिलिस्तीनी शरणार्थियों के कल्याण के प्रति उसकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”


मानवीय सहायता के लिए भारत की सराहना

दूतावास ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए को मानवीय सहायता और दवाएं उपलब्ध कराने की भारत की प्रतिबद्धता एजेंसी को फिलिस्तीनी शरणार्थियों की जरूरतें पूरी करने में मदद करेगी।

इजरायल की कोशिशों का मुकाबला

फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी अबेद एलराजेग अबू जाजर ने भारत के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह यूएनआरडब्ल्यूए के प्रति भारत के अटूट समर्थन का प्रमाण है। उन्होंने कहा, “यह योगदान इजरायल की उन कोशिशों का मुकाबला करने में मदद करेगा, जो फिलिस्तीनी क्षेत्रों में यूएनआरडब्ल्यूए की गतिविधियों को कमजोर करने और रोकने की दिशा में की जा रही हैं।”

भारत-फिलिस्तीन के ऐतिहासिक संबंध

फिलिस्तीन ने भारत और फिलिस्तीन के बीच ऐतिहासिक संबंधों को याद करते हुए कहा कि फिलिस्तीनी जनता भारत के समर्थन को बहुत महत्व देती है। दूतावास ने उम्मीद जताई कि स्वतंत्रता और संप्रभुता की उनकी आकांक्षाओं के साकार होने तक भारत का यह समर्थन जारी रहेगा।


40 मिलियन डॉलर की मदद कर चुका है भारत

भारत के फिलिस्तीन में प्रतिनिधि कार्यालय ने सोमवार को 2.5 मिलियन डॉलर की दूसरी किश्त जारी की। पिछले वर्षों में भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, राहत और सामाजिक सेवाओं के लिए यूएनआरडब्ल्यूए को 40 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद दी है।

दो-राज्य समाधान का समर्थन

भारत ने लंबे समय से फिलिस्तीन में एक स्वतंत्र, संप्रभु और व्यवहार्य राज्य की स्थापना के लिए दो-राज्य समाधान का समर्थन किया है। भारत की इस पहल को फिलिस्तीनी नेतृत्व और जनता ने अत्यधिक सराहा है।

 

 

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