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Pallavi Patel And Asaduddin Owaisi: अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के लिए यूपी में बढ़ सकती है मुश्किल, नाता तोड़ने के बाद पल्लवी पटेल ने ओवैसी से मिलाया हाथ

लखनऊ। अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने समाजवादी पार्टी से बीते दिनों नाता तोड़ लिया था। अब पल्लवी पटेल ने समाजवादी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव में दिक्कत बढ़ाने वाला फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक पल्लवी पटेल के अपना दल कमेरावादी प्रत्याशी यूपी की 30 लोकसभा सीटों पर किस्मत आजमाएंगे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी में पीडीए का नारा दिया है। पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक। इसी के मुकाबले के लिए पल्लवी पटेल ने असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम से हाथ मिलाया है।

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी पहले ही कह चुकी है कि अगर यूपी में समाजवादी पार्टी ने उसे 5 सीटें नहीं दीं, तो वो 25 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। अब अगर पल्लवी पटेल 30 और ओवैसी 25 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारते हैं, तो इससे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। पल्लवी पटेल ने बीते दिनों राज्यसभा चुनाव के दौरान भी अखिलेश यादव को तेवर दिखाए थे कि उन्होंने पीडीए उम्मीदवार नहीं उतारे। हालांकि, बाद में पल्लवी ने सपा के उम्मीदवारों को वोट दिया था। बावजूद इसके सपा का तीसरा प्रत्याशी राज्यसभा नहीं पहुंच सका और बीजेपी ने अपने 8वें अतिरिक्त उम्मीदवार संजय सेठ को जीत हासिल करा दी थी।

पल्लवी पटेल की बहन अनुप्रिया पटेल भी अपना दल चलाती हैं। वो मोदी सरकार में मंत्री हैं। पूर्वांचल की कई सीटों पर अपना दल के वोटर हैं। अगर पल्लवी पटेल प्रत्याशी उतारती हैं, तो इनसे अनुप्रिया पटेल के अपना दल प्रत्याशियों का भी टकराव होने के पूरे आसार रहेंगे। बता दें कि 2022 में पल्लवी पटेल ने सिराथू सीट पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पराजित भी किया था। इस लिहाज से इलाहाबाद और आसपास की सीटों पर पल्लवी पटेल का दबदबा देखा जा सकता है।

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