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Jammu-Kashmir: कुछ दिन पहले ही नजरबंदी से बाहर आईं महबूबा मुफ्ती को लेकर आई बुरी खबर

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Former CM Mehbooba Mufti) को एक बार फिर नजरबंद कर दिया गया है। इसकी जानकारी खुद उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए ट्वीट करके दी है। महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया है और यहां तक कि उनकी बेटी को भी नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा उनको एनआईए द्वारा गिरफ्तार पीडीपी नेता वहीद पारा के परिवार से मिलने की इजाजत तक नहीं दी गई। उन्होंने कहा उनको एनआईए द्वारा गिरफ्तार पीडीपी नेता वहीद पारा के परिवार से मिलने की इजाजत तक नहीं दी गई।

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा, ‘मुझे फिर से अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। पिछले दो दिनों से, जम्मू और कश्मीर प्रशासन मुझे पुलवामा में स्थित पार्टी नेता वहीद उर रहमान के परिवार से मिलने की इजाजत नहीं दे रहा है। भाजपा के मंत्रियों और उनके कठपुतलियों को कश्मीर के हर कोने में घूमने की अनुमति है। सुरक्षा केवल एक बहाना है।’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, उनकी क्रूरता की कोई सीमा नहीं है। वहीद पारा को बेबुनियाद आरोपों में गिरफ्तार किया गया और मुझे उसके परिवार को सांत्वना देने की भी अनुमति नहीं है। यहां तक कि मेरी बेटी इल्तिजा को भी नजरबंद कर दिया गया है क्योंकि वह भी वहीद के परिवार से मिलना चाहती थी।

केंद्र सरकार पर निशाना साधने की कोशिश में बिगड़े महबूबा मुफ्ती के बोल, देने लगी धमकी
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से जहां एक ओर वहां के क्षेत्रीय राजनीतिक दल केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले खड़े हैं। वहीं पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती अपनी नजरबंदी से रिहाई के बाद से लगातार ऐसा बयान दे रही हैं जो विवाद का कारण बन जा रहा है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती प्रदेश की जनता को लगातार भड़का रही। अब महबूबा ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां के भौगोलिक स्थिति को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। यहां के स्थानीय लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। महबूबा ने तो लोगों को भड़काते हुए यह तक कह दिया कि केंद्र सरकार यह कोशिश कर रही है कि यहां के मुस्लिम बहुल इलाकों से मुसलमानों को बाहर किया जाए, इसके लिए ही इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।

भाजपा पर निशाना साधते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार एक साजिश के तहत जम्मू-कश्मीर का डेमोग्राफी बदल देना चाहती है। महबूबा ने आगे इस पर बोलते हुए वहां के स्थानीय लोगों से कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में बंटवारे की राजनीति के तहत ये सब कर रही है ताकि यहां की आवाम को आपस में लड़ाया जा सके। इतना ही नहीं केंद्र सरकार की यहां के लिए जारी नीतियों पर कटाक्ष करते हुए महबूबा ने कहा कि उनकी तरफ से यह प्रयास किया जा रहा है कि यहां के मुस्लिम बहुल इलाकों से मुसलमानों को समाप्त कर दिया जाए। आपको बता दें कि धारा 370 घाटी से हटाए जाने के एक साल बाद केंद्र सरकार की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया और बताया गया कि अब घाटी के बाहर के लोग भी यहां जमीन की खरीदी कर सकते हैं।


महबूबा मुफ्ती ही नहीं जिस गुज्जर बकरवाल समुदाय को वहां की लगभग हर क्षेत्रीय पार्टी ने अपने शासन में हमेशा हाशिए पर रखा। अब उनको लेकर वहां के क्षेत्रीय दलों के अलावा महबूबा मुफ्ती भी हमदर्दी दिखा रही हैं। महबूबा ने यहां के स्थानीय लोगों को डर दिखाते हुए कहा कि भारत के अन्य लोगों को यहां बसाने के लिए केंद्र सरकार नोटिफिकेशन ले आई है। जिसके जरिए केंद्र सरकार यहां के लोगों को भगाना चाहती है। उन्होंने आगे मुसलमानों को भड़काते हुए कहा कि केंद्र सरकार अगर अभी भी नहीं इससे बाहर निकली तो इसके खतरनाक अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं।

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद का चुनाव होना है। घाटी में होनेवाले स्थानीय निकाय चुनाव की तारीख 28 नवंबर से 19 दिसंबर तक निश्चित की गई है। वहीं घाटी में अगले कुछ दिनों में जिला विकास परिषद की सीटों के लिए मतदान कराया जाना है। इन चुनावों में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी, फारूक अब्दुल्ला की एनसी और अन्य स्थानीय पार्टियों सहित कांग्रेस इस बार पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार के घटक दल के रूप में इस चुनाव को लेकर मैदान में उतर रही हैं। ऐसे में इस अलायंस का सीधा मुकाबला बीजेपी से है।

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