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Petition In Supreme Court Seeking FIR Against Judge Yashwant Verma : न्यायाधीश यशवंत वर्मा पर एफआईआर की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Petition In Supreme Court Seeking FIR Against Judge Yashwant Verma : यशवंत वर्मा के घर कैश बरामदगी मामले की न्यायिक जांच के संबंध में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने आज सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा तथा विपक्ष के नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की।

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर पर बड़ी संख्या में नकदी बरामद होने के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा द्वारा इस याचिका को दायर किया गया है। उधर, न्यायाधीश यशवंत वर्मा पर चल रही न्यायिक जांच मामले में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने आज सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा तथा विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>VIDEO | Vice President and Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar holds meeting with Leader of the House JP Nadda and Leader of Opposition Mallikarjun Kharge on the ongoing judiciary probe into Delhi HC judge Justice Yashwant Varma over cash recovery from his residence. <br><br>(Source:… <a href=”https://t.co/tCjuYfVKIC”>pic.twitter.com/tCjuYfVKIC</a></p>&mdash; Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1904116286495522851?ref_src=twsrc%5Etfw”>March 24, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश द्वारा 21 मार्च को राज्यसभा में उठाए गए जस्टिस वर्मा के मुद्दे पर धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम का जिक्र किया था। धनकड़ ने कहा था कि अगर वो अधिनियम होता तो आज हमारे पास न्यायिक जवाबदेही के मुद्दे पर समाधान होता। इसके बाद धनकड़ ने कहा था कि वो इस मसले पर जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक करेंगे। बता दें कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को संसद ने पारित किया था मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। इसका लक्ष्य जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना था।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>सुप्रीम कोर्ट के वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा ने दिल्ली पुलिस से दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास से कथित नकदी बरामदगी मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। <a href=”https://t.co/lTetF8zinD”>pic.twitter.com/lTetF8zinD</a></p>&mdash; IANS Hindi (@IANSKhabar) <a href=”https://twitter.com/IANSKhabar/status/1904104369232171265?ref_src=twsrc%5Etfw”>March 24, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

उधर, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस वर्मा के खिलाफ याचिका दायर करने वाले एडवोकेट मैथ्यूज नेदुम्पारा का कहना है कि अगर किसी अफसर या नेता के घर पर नकदी बरामद होती तो उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू हो जाती मगर हाईकोर्ट जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई, ऐसा क्यों? इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच के लिए कॉलेजियम द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय समिति को भी अवैध करार दिया। गौरतलब है कि जस्टिस वर्मा के घर से नकदी मिलने के बाद उनका तबादला दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट किए जाने की बात सामने आई थी जिसका इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोध जताया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा पर एक्शन लेते हुए उनके न्यायिक कार्य पर रोक लगा दी है।

 

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