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Gujarat को पीएम मोदी का बड़ा तोहफा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए 8 ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी

Train to Statue of Unity: पीएम मोदी आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity), केवड़िया (Kevadia) को देश के विभिन्‍न हिस्‍सों से जोड़ने के लिए 8 ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे और गुजरात में विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) रविवार को गुजरात को एक बड़ा तोहफा दिया है। पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity), केवड़िया (Kevadia) को देश के विभिन्‍न हिस्‍सों से जोड़ने वाली 8 ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने गुजरात में विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली, आर्थिक राजधानी मुंबई और धार्मिक नगरी वाराणसी समेत देश के कोने-कोने से आठ जगहों से हरी झंडी दिखाकर 8 स्पेशल ट्रेनों को केवड़िया के लिए रवाना किया। इस प्रकार गुजरात में सरदार सरोवर बांध के समीप स्थित केवड़िया गांव देशभर से रेलमार्ग से जुड़ गया है। इसी गांव के पास ही महान स्वतंत्रता सेनानी लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है। केवड़िया के लिए ये ट्रेनें वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर से रवाना हुई हैं।

पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें-

अब जैसे केवडिया को रेल से कनेक्ट करने वाले इस प्रोजेक्ट का ही उदाहरण देखें तो इसके निर्माण में मौसम और कोरोना महामारी जैसी अनेक बाधाएं आई। लेकिन रिकॉर्ड समय में इसका काम पूरा किया गया।

बीते वर्षों में देश में रेलवे के पूरे तंत्र में व्यापक बदलाव करने के लिए काम किया गया। ये काम सिर्फ बजट बढ़ाना, घटाना, नई ट्रेनों की घोषणा करने तक सीमित नहीं रहा। ये परिवर्तन अनेक मोर्चों पर एक साथ हुआ है।

बढ़ते हुए पर्यटन के कारण केवड़िया के आदिवासी युवाओं को रोजगार मिल रहा है। यहां के लोगों के जीवन में तेजी से आधुनिक सुविधाएं पहुंच रही हैं।

छोटा सा खूबसूरत केवड़िया इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे प्लान तरीके से पर्यावरण की रक्षा करते हुए इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों का तेजी से विकास किया जा सकता है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए अब स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा पर्यटक पहुंचने लगे हैं। अपने लोकार्पण के बाद करीब-करीब 50 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आ चुके हैं।

आज केवड़िया गुजरात के सुदूर इलाके में बसा एक छोटा सा ब्लॉक नहीं रह गया है, बल्कि केवड़िया विश्व के सबसे बड़े पर्यटक क्षेत्र के रूप में आज उभर रहा है।

इस रेल कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा लाभ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने आने वाले पर्यटकों को तो मिलेगा ही, साथ ही ये केवडिया के आदिवासी भाई बहनों का जीवन भी बदलने जा रही है।

आज केवड़िया के लिए निकल रही ट्रेनों में एक ट्रेन पुरैच्ची तलैवर डॉ. एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से भी आ रही है। ये भी सुखद संयोग है कि आज भारत रत्न एमजी रामचंद्रन की जयंती भी है।

केवड़िया जगह भी ऐसी है जिसकी पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले, देश का एकीकरण करने वाले सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर बांध से है।

रेलवे के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हो रहा है जब एक साथ देश के अलग-अलग कोने से एक ही जगह के लिए इतनी ट्रेनों को हरी झंड़ी दिखाई गई हो।

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