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रीवा में पीएम मोदी ने किया सबसे बड़े सौर प्लांट का उद्घाटन, बोले अब यहां के लोग कहेंगे दिल्ली मेट्रो…

दिल्ली/भोपाल/रीवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना के शुरू होने से रीवा को नई पहचान मिलेगी। पीएम मोदी ने परियोजना राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि रीवा की पहचान पहले नर्मदा नदी और सफेद बाघ के कारण थी, मगर अब सौर उर्जा के संयंत्र के कारण होगी। इसके साथ ही राज्य में अन्य परियोजनाओं के शुरू होने से मध्य प्रदेश सस्ती और साफ सुथरी बिजली का हब बन जाएगा। इससे किसान, गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि सौर उर्जा आने वाली सदी की उर्जा का बड़ा मध्यम बनने वाली है। यह उर्जा श्योर, प्योर व सिक्योर भी है। आत्म निर्भर भारत के लिए बिजली की आत्म निर्भरता आवश्यक है। इसमें सौर उर्जा बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाली है।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अब रीवा वाला शान से कहेगा कि दिल्ली की मेट्रो हमारा रीवा चलाता है। इसका लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्गीय लोगों, किसान और आदिवासियों को होगा। आज भारत सौर ऊर्जा के मामले में टॉप के देशों में शामिल है। पीएम मोदी ने कहा कि बिजली की जरूरतों के हिसाब से सौर ऊर्जा अहम है, सरकार इसे विस्तार दे रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर के विषय में इकॉनोमी एक जरूरी पक्ष है। वर्षों से यही मंथन है कि अर्थव्यवस्था की सोचें या पर्यावरण की, लेकिन भारत ने दिखाया है कि दोनों को एक साथ किया जा सकता है।

एलईडी के उपयोग से देश में 24 हजार करोड़ की बचत : मोदी 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि एलईडी के बल्व के उपयोग से देश में लगभग 24 हजार करोड़ रुपये की बचत हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले एलईडी बल्ब के उपयोग की लोग जरुरत महसूस करते थे, मगर महंगी होने के कारण उसे खरीद नहीं पाते थे। अब इस बल्ब की कीमत दस गुना कम हुई है। इसी का नतीजा है कि देश मे अब तक 36 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किया जा चुके है। एक करोड़ सड़क बत्ती में इसका उपयेाग हो रहा है। मात्र एलईडी के उपयोग से बिजली की खपत में आई कमी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा एलईडी के उपयोग से हर साल 24 हजार करोड़ रुपये की बचत हो रही है। इतना ही नहीं पर्यावरण की रक्षा में भी मदद मिल रही है।

बता दें कि यह सौर उर्जा परियोजना की क्षमता 750 मेगावाट है। इसमे तीन इकाईयां 250-250 मेगावाट की है। इस परियोजना की 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मैटो को दी जाएगी। यह एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना है। इस परियोजना का प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से वर्चुअल लेाकार्पण किया। यह लगभग चार हजार करोड़ की लागत से स्थापित की गई परियोजना है। इस मौके पर भोपाल मे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दिल्ली में केंद्रीय उर्जा मंत्री आर के सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, थावरचंद्र गहलोत, प्रहलाद पटेल मौजूद रहे।

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