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कोरोना काल में भी लोकप्रियता के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी पहले पायदान पर

Modi

नई दिल्ली। कम जगह में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश होने के बावजूद भारत ने कोरोना वायरस के संक्रमण को बखूबी नियंत्रित किया है। संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सही निर्णय और सही उपाय देश में जल्दी लागू किए गए। देशव्यापी तालाबंदी और मोदी सरकार द्वारा उठाए गए आक्रामक कार्यों के सख्त आदेशों ने कई लोगों की जान बचाई है और समय पर बीमारी को दबा दिया है। शुरुआती चरणों में वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या उतनी नहीं थी, जो इस समय तब्लीगी जमात के सदस्यों द्वारा फैलाई गई आपदा के कारण प्रमुखता से पहुंची है।

ऐसी घटनाओं के बाद भी 1.3 अरब लोगों की आबादी वाले देश ने अपने नागरिकों को संक्रमित होने से बचाया है और अभी तक कोरोना मरीजों की संख्या महज 18 हजार 985 तक ही पहुंची है, जबकि 640 लोगों की मौत हुई है। इस सब के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉर्निंग कंसल्टिंग अनुमोदन रेटिंग के अनुसार, दुनिया के सबसे महान नेताओं में से एक के रूप में स्वीकार किया गया है।

अमेरिकी ग्लोबल डेटा इंटेलिजेंस कंपनी मॉर्निंग कनसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस के मुताबिक, 14 अप्रैल को पीएम मोदी की लोकप्रियता 68 प्रतिशत बताई गई, जो कि साल की शुरुआत में 62 प्रतिशत थी। यह स्वीकार किया गया था कि भारत ने दुनिया के अन्य विकसित और विकासशील देशों की तुलना में कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रभावी रूप से निपटा है।

लिहाजा, लोकप्रियता के मामले में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी विश्व नेताओं को पीछे छोड़ते हुए पहले पायदान पर पहुंच गए हैं। 10 देशों के बीच किए गए सर्वे में मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रे मैन्युअल लोपेज ओब्राडार दूसरे नंबर पर थे। जबकि, मॉर्निंग कंसल्ट के आंकड़ों के अनुसार सबसे कम रेटिंग जापान के आबे को मिलती है।

बताते चलें कि पीएम मोदी ने 25 मार्च को देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसे 14 अप्रैल को 19 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया। वहीं, उन्होंने वैश्विक नेताओं को महामारी से निपटने में एकजुट करने की भी कोशिश की। इन सभी वजहों ने ही मोदी की लोकप्रियता में इजाफा किया है। साथ ही उन्होंने जरूरी दवाइयों के निर्यात से प्रतिबंध हटाकर अन्य देशों की मदद की पहल की है, जिसके चलते पीएम मोदी की स्वीकार्यता दुनियाभर में बढ़ी है।

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