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लेह पहुंचे पीएम मोदी ने जवानोंं का बढ़ाया हौसला, चीन को दिया दो टूक संदेश

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार सुबह लेह-लद्दाख और आगे के स्थानों का दौरा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने यह दौरा हिंसक संघर्ष के बमुश्किल 18 दिन बाद किया है। लद्दाख के अचानक दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने चीन के साथ झड़प में घायल जवानों से मुलाकात की और उनका उत्साह बढ़ाया। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने जवानों को संबोधित किया। एक तरफ जहां उन्होंने अपने भाषण से भारतीय सेना का जवानों का हौसला बढ़ाया। वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी ने चीन को इशारों ही इशारों में जमकर खरी खोटी भी सुनाई।

इस दौरान पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि जवानों ने जो वीरता दिखाई है, उससे हर देशवासी की छाती फूली हुई है। इस दौरान पीएम मोदी ने चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा कि अब विस्तारवाद का युग समाप्त हो गया है, यह विकास का युग है।

पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें-

14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है। भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी।

आज हर देशवासी का सिर आपके यानी अपने देश के वीर सैनिकों के सामने आदरपूर्वक नतमस्तक होकर नमन कर रहा है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है।

मैं गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को आज पुनः श्रद्धांजलि देता हूं। उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी, उनका जयकारा कर रही है। आज हर देशवासी की सिर, आपके सामने आदरपूर्वक नमन करता है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है।

अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है।

आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां, आप तैनात हैं। आपका निश्चय, उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज अपने कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं। आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल हैं।

”आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है। आपकी जीवटता भी जीवन में किसी से कम नहीं है। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता।”

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