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Namami Gange Mission: नमामि गंगे मिशन के तहत कल इतनी मेगा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली। 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद जिन क्षेत्रों के विकास पर मोदी सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान था उसमें से एक थी गंगा सफाई। गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए मोदी सरकार सतत प्रयासरत है और इसी को लेकर कई तरह की परियोजनाओं को गंगा सफाई से जोड़ा गया। इसी क्रम में कल इस बहुप्रतिक्षित नमामि गंगे मिशन के अगले स्वरूप पर प्रधानमंत्री मोदी कुछ नई मेगा परियोजनाओं का उद्घाटन करनेवाले हैं। इन सभी परियोजनाओं का उद्घाटन पीएम मोदी वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए करेंगे। पीएम मोदी नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में 6 मेगा प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करेंगे।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा नदी में किए गए संस्कृति, जैव विविधता और कायाकल्प गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए समर्पित गंगा के पहले संग्रहालय ‘गंगा अवलोकन’ का भी उद्घाटन करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम की जानकारी पीएमओ की तरफ से दी गई।

इसके तहत परियोजनाओं में 68 एमएलडी एसटीपी का निर्माण, हरिद्वार में जगजीतपुर में मौजूदा 27 एमएलडी का उन्नयन, हरिद्वार में सराय में 18 एमएलडी एसटीपी का निर्माण शामिल है। ऋषिकेश में लक्कड़घाट पर 26 एमएलडी एसटीपी का उद्घाटन किया जाएगा। हरिद्वार-ऋषिकेश ज़ोन गंगा नदी में लगभग 80% प्रदूषित पानी डंप करता है। इसलिए, इन एसटीपी का उद्घाटन गंगा नदी को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुनि की रेती शहर में, चंद्रेश्वर नगर में 7.5 एमएलडी एसटीपी देश में पहला 4 मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट होगा, जहां भूमि उपलब्धता की सीमा एक अवसर में परिवर्तित की गई। एसटीपी का निर्माण 900 SQM क्षेत्र से कम में किया गया था जो ऐसी क्षमता के एसटीपी के लिए सामान्य क्षेत्र की आवश्यकता का लगभग 30% है। प्रधानमंत्री चोरपानी में 5 एमएलडी एसटीपी और 1 एमएलडी की क्षमता वाले दो एसटीपी और बद्रीनाथ में 0.01 एमएलडी का उद्घाटन करेंगे। आपको बता दें कि गंगा नदी के पास 17 किनारे बसे शहरों से प्रदूषण को कम करने के लिए उत्तराखंड में सभी 30 परियोजनाएं (100%) अब पूरी हो गई हैं, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मतलब साफ है कि पीएम मोदी के द्वारा गांगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा और संबद्ध विभाग द्वारा किए गए प्रयास पर पैनी नजर है। प्रधानमंत्री इन योजनाओं की समय-समय पर समीक्षा करते रहते हैं और इसकी विस्तृत रिपोर्ट पर भी उनकी नजर होती है।

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