News Room Post

संविधान दिवस पर पीएम मोदी का संबोधन, मुंबई हमले और वन नेशन, वन इलेक्शन का किया जिक्र

PM Narendra Modi

नई दिल्ली। संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज देश को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले को याद करते हुए हमले में मारे गए जवानों को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि हम वो जख्म कभी नहीं भूल सकते हैं। बता दें कि भारत आज अपना संविधान दिवस (Constitution Day) मना रहा है। 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था। देश में 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू किया गया।

अहम बातें-

हर नागरिक का आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बढ़े, ये संविधान की भी अपेक्षा है और हमारा भी ये निरंतर प्रयास है। ये तभी संभव है जब हम सभी अपने कर्तव्यों को, अपने अधिकारों का स्रोत मानेंगे, अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।

जैसे सदन में एक भाव की आवश्यकता होती, वैसे ही देश में भी एक भाव की आवश्यकता होती। सरदार पटेल का ये स्मारक इस बात का जीता-जागता सबूत है कि जहां कोई राजनीतिक छूआ-छूत नहीं। देश के गौरव से बड़ा कुछ नहीं हो सकता।

इसी बांध से पैदा हुई बिजली से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को लाभ हो रहा है। ये सब बरसों पहले भी हो सकता था। लेकिन बरसों तक जनता इनसे वंचित रही। जिन लोगों ने ऐसा किया, उन्हें कोई पश्चाताप भी नहीं है। उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। हमें देश को इस प्रवृत्ति से बाहर निकालना है।

केवड़िया प्रवास के दौरान आपने सरदार सरोवर डैम की विशालता देखी है, भव्यता देखी है, उसकी शक्ति देखी है। लेकिन इस डैम का काम बरसों तक अटका रहा। आजादी के कुछ वर्षों बाद शुरु हुआ था, अभी कुछ वर्ष पहले ये पूरा हुआ। जनहित का ये प्रोजेक्ट लंबे समय तक अटका रहा।

हमारे निर्णय का आधार एक ही मानदंड होना चाहिए और वो है राष्ट्रहित। राष्ट्रहित ही हमारा तराजू होना चाहिए। हमें ये याद रखना है कि जब विचारों में देशहित और लोकहित की बजाय राजनीति हावी होती है तो उसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है।

कोरोना के समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती दुनिया ने देखी है। इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना, समय पर परिणाम आना, सुचारु रूप से नई सरकार का बनना, ये इतना भी आसान नहीं है। हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वो ऐसे हर मुश्किल कार्यों को आसान बनाती है।

उन्होंने कहा कि संविधान के तीनों अंगों की भूमिका से लेकर मर्यादा तक सबकुछ संविधान में ही वर्णित है। 70 के दशक में हमने देखा था कि कैसे separation of power की मर्यादा को भंग करने की कोशिश हुई थी, लेकिन इसका जवाब भी देश को संविधान से ही मिला।

पीएम मोदी ने कहा कि आज की तारीख, देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है। 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धाबा बोल दिया था। इस हमले में अनेक भारतीयों की मृत्यु हुई थी। कई और देशों के लोग मारे गए थे। मैं मुंबई हमले में मारे गए सभी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं आज मुंबई हमले जैसी साजिशों को नाकाम कर रहे, आतंक को एक छोटे से क्षेत्र में समेट देने वाले, भारत की रक्षा में प्रतिपल जुटे हमारे सुरक्षाबलों का भी वंदन करता हूं। इस हमले में हमारे पुलिस बल के कई जाबांज भी शहीद हुए थे। मैं उन्हें नमन करता हूं। आज का भारत नई नीति-नई रीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन पूज्य बापू की प्रेरणा को, सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का है। ऐसे अनेक प्रतिनिधियों ने भारत के नवनिर्माण का मार्ग तय किया था देश उन प्रयासों को याद रखे, इसी उद्देश्य से 5 साल पहले 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था।

Exit mobile version