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मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी इस योजना को लागू करने में यूपी को मिला पहला स्थान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने व उसका लाभ आम जनता को देने से काफी सक्रिय नजर आती है। इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक- प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना (एसवीएनिधि योजना) को लागू करने में पहली रैंक हासिल की है। बता दें कि योगी सरकार का कार्य सराहनीय रहा है, ऐसे में उत्तर प्रदेश को सभी श्रेणियों में पहले स्थान पर रखा गया है, जिसमें आवेदन, मंजूरी और संवितरण शामिल है। गौरतलब है कि यह योजना 1 जून, 2020 को केंद्र सरकार द्वारा सड़क किनारे छोटा-मोटा काम-धंधा करने वाले लोगों(स्ट्रीट वेंडर्स) को अपनी आजीविका से जुड़ी गतिविधियों को फिर से चालू करने में मदद करने के लिए शुरू की गई थी, जो COVID-19 द्वारा प्रभावित हुई थीं। फिर भी योगी सरकार ने प्रदेश में कोरोना के प्रसार पर लगाम लगाते हुए इस योजना पर भी भरपूर काम किया। यूपी के अधिकारियों के आंकड़ों के अनुसार, 27 अक्टूबर, 2020 तक एसवीएनिधि योजना के तहत ऋण 2.51 लाभार्थियों को वितरित किए जाएंगे, जब प्रधानमंत्री राज्य के स्ट्रीट वेंडर्स और हैंडलर को संबोधित करेंगे।

बता दें कि इस योजना का उद्देश्य रुपये तक के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है। 10,000 की रियायती दर पर, ऋण के नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करने और डिजिटल लेनदेन को पुरस्कृत करने के लिए शामिल है। इस योजना का उद्देश्य शहरी, पूर्व-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क विक्रेताओं या फेरीवालों को लाभ प्रदान करना है। देश में सबसे अधिक यूपी में इस योजना के तहत 6,22,167 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 3,46,150 आवेदकों को प्रतिबंध दिए गए, जबकि 2,26,728 लाभार्थियों को ऋण वितरित किए गए। यूपी के सात शहर भी गाजियाबाद और कानपुर के नवीनतम परिवर्धन के साथ देश के शीर्ष 10 शहरों की सूची में स्थान पाते हैं।

बता दें कि इस सूची में शीर्ष तीन शहरों में वाराणसी, लखनऊ और अलीगढ़ हैं, क्योंकि राज्य के अन्य शहरों में इलाहाबाद (4वां), गोरखपुर (7 वां), गाजियाबाद (9वां) और कानपुर (10 वां) शामिल हैं। सूची में अन्य भारतीय शहर इंदौर (5 वें), भोपाल (6 वें) और हैदराबाद (8 वें) स्थान पर हैं।

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