नई दिल्ली। महाराष्ट्र कैडर की विवादित पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को आज एक और बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पूजा की अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंदर कुमार जंगाला ने क्राइम ब्रांच को निष्पक्षता के साथ अपनी जांच का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया। जज ने पूजा के कोर्ट में उपस्थित न रहने पर भी सवाल उठाया। अदालत ने जांच एजेंसी को यूपीएससी के उन उम्मीदवारों का पता लगाने का भी निर्देश दिया, जिन्होंने पात्र न होने के बावजूद गलत तरीके से विकलांगता सर्टिफिकेट बनवाकर आरक्षण का लाभ प्राप्त किया है। कोर्ट में पूजा की तरफ से वकील बीना माधवन जबकि यूपीएससी की तरफ से अधिवक्ता नरेश कौशिक ने दलीलें पेश की।
इससे पहले कल ही यूपीएससी ने पूजा पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी आईएएस की उम्मीदवारी को रद्द करते हुए उनकी अफसरी छीन ली। इतना ही नहीं भविष्य में भी पूजा पर यूपीएससी की परीक्षाओं में शामिल होने पर बैन लगा दिया गया है। पूजा पर गलत तरीके से विकलांगता प्रमाण पत्र हासिल कर यूपीएससी परीक्षा में आरक्षण का लाभ लेने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। यूपीएससी ने उपलब्ध अभिलेखों की जांच के बाद पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया है।
इस मामले में यूपीएससी की ओर से पूजा के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी और पूजा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था कि क्यों उनकी अफसरी को रद्द न किया जाए? इसके साथ ही पूजा की ट्रेनिंग ड्यूटी बीच में रोककर उनको मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में रिपोर्ट करने का ऑर्डर दिया गया था। हालांकि पूजा ने मसूरी अकादमी में रिपोर्ट नहीं की और न ही यूपीएससी के नोटिस का जवाब दिया। यूपीएससी द्वारा दर्ज एफआईआर मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए ही पूजा ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल की थी।