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Chandrayaan 3: भारत के विक्रम लैंडर से बाहर आया प्रज्ञान रोवर, इसरो ने बताया चांद पर घूमकर अभी क्या कर रहा

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बेंगलुरु। भारत का तीसरा चंद्र अभियान चंद्रयान-3 बहुत सफल रहा है। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर बुधवार को चांद की सतह पर उतरा था। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला भारत पहला देश बन गया। अब खबर ये है कि विक्रम लैंडर में जो प्रज्ञान रोवर भेजा गया था, वो भी निकलकर चांद की सतह पर आ गया है। प्रज्ञान रोवर के बारे में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने ताजा अपडेट दिया है। इसरो ने बताया है कि चांद की सतह पर उतरा प्रज्ञान रोवर इस समय कर क्या रहा है। इसरो के इस अपडेट से तय है कि अगले 14 दिन में प्रज्ञान रोवर कुछ नई खोज भी चांद पर कर सकता है।

इसरो ने प्रज्ञान रोवर के बारे में बताया है कि वो विक्रम लैंडर के रैंप से होते हुए चांद की सतह पर उतरा है। चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर चल-फिर रहा है। इसरो ने इसे चांद पर भारत के कदम की संज्ञा दी है। विक्रम लैंडर में 4 और प्रज्ञान रोवर में 2 यंत्र लगे हैं। इन यंत्रों के जरिए इसरो के वैज्ञानिक चांद के बारे में सभी तरह की जानकारियां जुटाएंगे। प्रज्ञान रोवर अगले 14 दिन तक चांद की सतह पर 500 मीटर के दायरे में तमाम खोज अभियान चलाएगा और पल-पल की जानकारी इसरो के वैज्ञानिक इससे हासिल करेंगे। अब तक सिर्फ सोवियत संघ (मौजूदा रूस), अमेरिका और चीन ही चांद पर अपना यान उतारने में सफल रहे हैं।

प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर को 14 दिन यानी चांद के एक दिन तक काम करने लायक बनाया गया है। 14 दिन बाद चांद पर सूरज की रोशनी पड़नी बंद हो जाएगी और इस दौरान विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर घुप अंधेरे में चले जाएंगे। इस वजह से लैंडर और रोवर की बैटरियां चार्ज नहीं हो सकेंगी। इसके अलावा चांद पर माइनस 300 डिग्री के आसपास ठंड हो जाएगी। इससे भी दोनों के यंत्र काम करने लायक शायद न रहें। हालांकि, इसरो के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि 14 दिन बाद जब फिर चांद पर सूरज की रोशनी आएगी, तब विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर अपना काम एक बार और शुरू कर सकते हैं।

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