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Opposition Meeting in Patna LIVE: बैठक के बाद अब प्रेस कांफ्रेंस जारी, लेकिन CM केजरीवाल नहीं हुए शामिल

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नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी सरकार के विरोध में माहौल बनाने के मकसद से राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है। जिसमें विपक्ष के सभी नेताओं के आमंत्रित किया गया है, लेकिन आपको बता दें कि वाइएसआर, जेडीएस और कांग्रेस ने इस बैठक से दूरी बनाई है। इसके अलावा रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को भी बैठक में आमंत्रित किया  गया था, लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देकर बैठक में शामिल नहीं हुए। नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह बैठक बुलाई गई है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस बैठक में दो मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हो सकती है, जिसमें पहला आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ मुद्दा है, तो वहीं दूसरा सीएम केजरीवाल केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को विधेयक में बदलने से रोकने की दिशा में विपक्षियों का समर्थन मांग सकते हैं। बहरहाल, अब इस बैठक में आगामी दिनों में क्या कुछ फैसला लिया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक से संबंधित सभी खबरों से अपडेट रहने के लिए बने रहिए। न्यूज रूम पोस्ट के लाइव ब्लॉग के साथ।

LIVE UDPATE : –

सीएम ममता बनर्जी ने क्या कहा 

वहीं, इस प्रेस कांफ्रेंस में सीएम ममता ममता ने कहा कि हम केंद्र के खिलाफ लड़ेंगे। हम एकजुट होंगे।  हम  अलग-अलग नहीं हैं। हम बीजेपी की तानाशाही के खिलाफ लड़ेंगे। बीजेपी ने लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है।

राहुल ने क्या कहा 

राहुल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जैसा कि  आप सभी लोग जानते हैं कि वर्तमान में केंद्र की मोदी सरकार हिंदुस्तान की नींव पर हमला बोल रही है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब ऐसी स्थिति में हम सभी ने फैसला किया है कि हम सब एकजुट होकर  केंद्र के खिलाफ लड़ेंगे।

 खत्म हुई बैठक, प्रेस कांफ्रेंस जारी 

पटना में विपक्षी दलों की बैठक खत्म हो चुकी है। प्रेस कांफ्रेंस जारी है, लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि सीएम केजरीवाल इस  प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुए हैं। प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा मकसद केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़कर फेंकना है। इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हम आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व एकजुट होकर केंद्र की फासीवादी नीतियों के खिलाफ लड़ेंगे।

AAP-कांग्रेस का मतभेद दूर करने के लिए पवार-उद्धव ने की पहल

कांग्रेस और आप के बीच जारी मनमुटाव पर उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि अगर हम केंद्र के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व माहौल बनाना चाहते हैं, तो हमें पारस्परिक मनमुटाव को खत्म करके एकजुट होना होगा। तभी हम अपनी  मकसद को पाने में सफल हो पाएंगे।

सीएम ममता का बड़ा सुझाव 

वहीं, विपक्षी दलों की बैठक में टीएमसी प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपस में लड़ने की जगह एकजुट होने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि आप लोग में आपस में लड़ने की जगह केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोलने की दिशा में अपनी प्रतिद्धता दिखाई है, तभी हम अपनी इच्छाओं को मूर्त रूप देने की दिशा में सफल हो पाएंगे।

 केजरीवाल और उमर अब्दुल्ला के बीच असहज हुई स्थिति 

इस बीच अरविंद केजरीवाल ने सभी दलों से केंद्र द्वारा लगाए गए अध्यादेश के विरोध में सभी दलों से समर्थन की मांग की है।  इस दौरान सभी दलों ने उन्हें समर्थन देने के प्रति अपनी इच्छा जाहिर की, लेकिन नेंका प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने उन्हें एक पल के  लिए असहज कर दिया है। फारूक ने केजरीवाल को कहा कि आपने अभी तक धारा 370 को लेकर अपना स्टैंड साफ नहीं किया है।

पशुपति पारस ने बोला केंद्र पर हमला 

इस बीच पशुपति पारस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कभी आपातकाल के खिलाफ भी बैठक बुलाई थी। लड़ाइयां लड़ीं थीं। तब हम उनके साथ थे। लेकिन, आज मुझे यह जानकर हैरानी हो रही है कि नीतीश कुमाह  उन्हीं लोगों के साथ हाथ मिला रहे हैं।

बैठक में ये बोल गए राहुल गांधी ?  

पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी न कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व विपक्षी एकजुटता को धार देना जरूरी है। विपक्षी  एकजुटती का बदौलत  ही हम केंद्र की फासीवादी नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल पाएंगे। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि विपक्षी एकता को धार देने की दिशा में हमें साफ नीयत की जरूरत है।

बैठक में शामिल हुए ये नेता 

महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए हैं. इन नेताओं के नाम नीतीश कुमार (जेडीयू), ममता बनर्जी (एआईटीसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राऊत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जेडीयू),संजय झा (राजद), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल)तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ’ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) हैं।

यह फासी नीतियों के खिलाफ युद्धघोष है 

वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस बैठक को युद्धघोष करार दिया है। द्रमुख प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि फासीवादी नीतियों का खात्मा करके देश में लोकतंत्र को जीवंत करने की दिशा में यह बैठक आगामी दिनों में अहम भूमिका अदा करेगा। अलबत्ता आगामी दिनों में लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी और  धर्मनिरपेक्षा की ज़ड़े मजबूत होंगी।

बैठक से पहले सामने या ये पोस्टर 

वहीं, बैठक से पहले नीतीश कुमार ने पोस्टर जारी किया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यह दलों का नहीं, बल्कि दिलों का गठबंधन है।

अमित शाह ने साधा निशाना 

वहीं, राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक पर केंद्रीय गृह मंंत्री अमित शाह ने निशाना साधा है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि आज पटना में फोटो सेशन चल रहा है। बैठक से वे लोग यह संदेश देना चाहते हैं कि वो मोदी और बीजेपी को चुनौती देंगे, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि उन्हें इस दिशा में बिल्कुल भी सफलता नहीं मिलेगी।

पटना में बैठक शुरू

वहीं, पटना में विपक्षी दलों की बैठक शुरू हो चुकी है, जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई नेताओं ने  अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। हालांकि, कुछ विपक्षी नेताओं ने दूरी बनाए रखना भी उचित समझा है।

वहीं, कंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक पर कहा कि,’मैं विशेष रूप से कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करने के लिए धन्यवाद देती हूं कि वे अकेले पीएम मोदी को नहीं हरा सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें दूसरों के समर्थन की आवश्यकता है।

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