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जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैसे रख रहें है स्थिति पर नजर, जिससे खत्म हो देश से कोरोना का कहर!

नई दिल्ली। विश्वव्यापी महामारी बन चुके कोरोनावायरस से लड़ने के लिए भारत ने कमर कस ली है। कोरोना के खिलाफ जंग के लिए केंद्र की सरकार के साथ राज्यों की सरकारों ने पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। कल रात 12 बजे से ही प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद से पूरे देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। आवश्यकता के समाना और मेडिकल सुविधाएं लोगों को मिलती रहे इसकी भी पूरी व्यवस्था की गई है। देश की सभी सीमाओं को सील करने का आदेश मिल चुका है तो वहीं दूसरी तरफ विदेशी और देश के भीतर की सभी उड़ान सेवाओं पर भी पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोरोनावायरस की आपात स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही मेडिकल एंड हेल्थ वॉर रूम बनाया गया है। हालांकि ऐसे वॉर रूम सभी राज्य सरकारों की तरफ से भी उनके राज्यों में बनाए गए हैं।

सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस आपात स्थिति से देश को कैसे बाहर निकाला जाए इस पूरे मामले की समीक्षा खुद कर रहे हैं। सभी राज्यों के साथ ही केंद्र सरकार के सभी संबद्ध विभागों को भी निर्देश है कि प्रधानमंत्री कार्यालय तक पल-पल की खबर दी जाए। देश के हालात पर नजर बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी और चीज के बजाए देशभर में इससे निपटने के लिए की जा रही तैयारी पर अपना ध्यान केंद्रित कर चुके हैं। प्रधानमंत्री इस कड़ी में लगातार देश की मीडिया के लोगों से, हेल्थ केयर वर्कर्स से, प्रमुख अस्पतालों के चिकित्सकों से, स्वास्थ्य मंत्रालय के आला अधिकारियों से साथ ही, फॉर्मा कंपनियों के लोगों से और प्रशासनिक अधिकारियों से लगातार बातचीत कर रहे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण कार्यालय की तीसरी मंजिल पर एक सम्मेलन कक्ष को भारत का कोरोना वायरस-कंट्रोल वॉर-रूम बनाया गया था।

देश को इस आपात स्थिति से कैसे बाहर निकाला जाए इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के आदेश पर सूत्रों के अनुसार दिल्ली स्थित निर्माण भवन को कोरोना वॉर रूम के रूप में तब्दील कर दिया गया है। जहां कई सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों को तैनात किया गया है। जो देशभर के हर राज्य के संबद्ध अधिकारियों और वहां बने कोरोना वॉर रूम के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और हर राज्य से प्राप्त रिपोर्ट को लगातार डिस्पले के जरिए प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचाया जा रहा है ताकि प्रधानमंत्री तक इस पूरे मामले की जानकारी पहुंच सके।

इसके साथ सूत्रों की मानें तो अधिकारियों की तरफ से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि कितने लोग पिछले 2-3 महीने में विदेश की यात्रा से भारत लौटे हैं उनको ढूंढकर निकाला जा रहा है। साथ ही उनके साथ कितने लोग संपर्क में आए उनकी भी तलाश की जा रही है। तेजी से इन लोगों की तलाश की जा रही है और साथ ही इस बात पर ज्यादा जोर देकर तलाशी की जा रही है कि क्या यह वायरस भारत में कम्यूनिटी स्प्रेड कर पाया है। इसपर भी नजर रखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल अपने संबोधन में कहा था कि भारत में ऐसे मामले ज्यादा संख्या में हो सकते हैं ऐसे में इसपर भी सरकार की नजर है।

सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री की तरफ से लगातार इस बात पर भी नजर रखी जा रही है कि देश के किसी भी हिस्से में लोगों को आइसोलेशन में रखे जाने में परेशानी न हो। हर जगह स्वास्थ्य सुविधा बेहतर हो। आइसोलेट किए गए लोगों को पूरा इलाज मिल पाए। स्वास्थ्य कर्मियों की कोई कमी कहीं भी ना हो इसको लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर बनी हुई है। वहीं लगातार सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों से इस पूरे मामले में जितने भी आंकड़े इकट्ठा हो रहे हैं उसकी जानकारी पर नजर खुद पीएमओ की है।

सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री की नजर अभी किसी और काम पर है ही नहीं वह देश को इस महामारी की चपेट में आने से पहले ही बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही सूत्रों की मानें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी लागातार पीएमओ को रिपोर्ट भेजी जा रही है जिसकी समीक्षा भी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही कर रहे हैं।

वहीं सूत्रों की मानें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और मंत्रालय की आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया इकाई, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) में केंद्रीय निगरानी इकाई और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) को भी अधिकारियों के लिए दूसरा घर बना दिया गया है। यहां एम्स, सफदरजंग और आरएमएल जैसे अस्पतालों से टेक्नोक्रेट, महामारी विज्ञानी और निदेशक तैनात किए गए हैं जो कि कोरोना वायरस के मामलों पर काम कर रहे हैं और इनकी रिपोर्ट भी समीक्षा के लिए सीधे पीएमओ तक भेजी जा रही है। हर राज्य में इस महामारी को लेकर कैसी हालत बनी हुई है। कितने लोग इससे संक्रमित हैं। लैब में कितने लोगों के टेस्टिंग के लिए सैंपल भेजे गए हैं। कितने रिपोर्ट नेगेटिव और कितने रिपोर्ट पॉजिटीव हैं। इसके साथ ही कितने ऐसे लोग हैं जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद इस महामारी की चपेट में आ गए हैं। इन सारे आंकड़ों की बड़ी बारिकी से समीक्षा पीएमओ में की जा रही है और प्रधानमंत्री वहां से लगातार स्थिति की गंभीरता को समझते हुए आवश्यक दिशा निर्देश संबद्ध विभागों और राज्य सरकारों को जारी कर रहे हैं। इसके साथ ही सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री के निर्देश पर कई विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों को इस आपात स्थिति से निपटने के लिए एक्शन मोड़ में तैयार रहने के दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। ताकि आदेश जारी होते ही इन विभागों के लोग सीधे एक्शन में आ सकें।

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