नई दिल्ली। राजस्थान में राजनीतिक संकट सुलझाने और नाराज सचिन पायलट को शांत कराने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हस्तक्षेप किया है। प्रियंका के करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने दो नेताओं से बात की है और ये नेता उनसे नियमित तौर पर बात करते हैं। लेकिन सूत्रों ने कहा कि वे इस बात की पुष्टि या खंडन नहीं कर सकते कि प्रियंका गांधी ने पायलट से बात की है।
प्रियंका के हस्तक्षेप के बाद पायलट के पोस्टर पीसीसी पर फिर से चिपकाए गए और उनके कहने पर ही रणदीप सुरजेवाला ने जयपुर से पायलट और उनके समर्थकों से वापस लौटने की जोरदार अपील की। कांग्रेस के राज्य प्रभारी अविनाश पांडे ने भी कहा कि वह बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन सुबह उन्होंने कहा था कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि केसी वेणुगोपाल को पायलट से बात करने की जिम्मेदारी दी गई है, क्योंकि वेणुगोपाल संगठन महासचिव हैं और संप्रग 2 के दौरान पायलट के साथ केंद्रीय मंत्री रहे हैं। इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, जहां लगभग 105 विधायक उनके साथ दिखाई दिए।
बता दें कि सोमवार को सचिन पायलट से पांच बड़े नेताओं ने बात की है, इनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और पी चिदंबरम शामिल हैं। सभी ने अब सचिन पायलट को जयपुर जाने को कहा है, ताकि स्थानीय लेवल पर आगे की बातचीत हो सके।
इस बीच अब सचिन पायलट की ओर से बातचीत का फॉर्मूला सामने रखा जा रहा है। इसी संदेश को लेकर केंद्रीय नेतृत्व की ओर से राजीव साटव जयपुर पहुंचेंगे। सूत्रों की मानें, तो सचिन पायलट की मांग है कि उनके चार विधायकों को मंत्री बनाया जाए। साथ ही सचिन पायलट के मंत्रियों को वित्त और गृह मंत्रालय दिया जाए। जबकि प्रदेश अध्यक्ष का पद भी सचिन पायलट के पास ही रहे।
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी खुद इस मामले में एक्टिव हैं और अशोक गहलोत-सचिन पायलट से बात कर रही हैं। ताकि मामले को सुलझाया जा सके। बाकी अब सचिन पायलट पर छोड़ दिया गया है कि वो बात करना चाहते हैं या नहीं। बता दें कि अशोक गहलोत के शक्ति प्रदर्शन के बाद ये बात सामने आई थी कि सचिन पायलट ने अपनी ओर से कुछ शर्तें रखी हैं।